PATNA: हड़ताली टीईटी शिक्षकों ने अपने सभी आंदोलन और प्रदर्शन के स्थगित कर दिया है. लेकिन शिक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी. टीएसएस के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम ने बिहार के सभी टीईटी शिक्षकों से अपील की है कि अगले आदेश तक सभी सांगठनिक एवं आंदोलनात्मक गतिविधियों को स्थगित रखा जाए.
सवा लाख टीईटी शिक्षक हड़ताल पर
बिहार के सवा लाख टीईटी शिक्षक 27 फरवरी से टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले हड़ताल पर हैं और जब उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं उनका हड़ताल जारी रहेगा. लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सभी आंदोलनात्मक गतिविधियों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. संघ की ओर से सभी जिलाध्यक्षों के नाम एडवाइजरी जारी करते हुए यह निर्देश दिया गया है कि कोई भी सामूहिक बैठक या मुलाकात न किया जाए. सार्वजनिक स्थलों पर जाने से परहेज़ करें. कम से कम अपने घरों से निकलें और जागरूकता फैलाने के नाम पर झुंड या टोली बना कर बिल्कुल भी न जाएं. ऐसा करने से संक्रमण का खतरा और बढ़ता है. उन्होंने अपील की है कि सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन अवश्य करें और अफवाहों पर ध्यान न दें
बिहार सरकार शिक्षकों के साथ कर रही खिलवाड़
संघ ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार पर शिक्षकों के जीवन से खिलवाड़ करही है. एक ओर जहां पूरे देश में सभी परीक्षाओं एवं मूल्यांकन कार्य को स्थगित कर दिया गया है और यहां तक कि सीबीएसई और आईसीएसई ने अपनी बोर्ड परीक्षाएं एवं मूल्यांकन कार्य दोनों स्थगित कर दी हैं. वहीं, दूसरी ओर बिहार सरकार जबरन शिक्षकों से मूल्यांकन कार्य करा रही है. इतना ही नहीं जो शिक्षक मूल्यांकन कार्य पर नहीं जाना चाह रहे हैं उन पर विभागीय कार्रवाई का दबाव भी डाला जा रहा है. बिहार सरकार शिक्षकों के जीवन की परवाह नहीं कर रही है. कोरोना के बारे में जो WHO के दिशानिर्देश हैं उनका भी पालन नहीं कर रही है. हम अभिलंब मांग करते हैं कि सरकार द्वारा जबरन कराए जा रहे हैं मूल्यांकन कार्य को बंद किया जाए. जब तक कोरोना वायरस का खतरा टल नहीं जाता है किसी भी शिक्षक को इस तरह के किसी कार्य में न लगाया जाए. साथ ही जो नियमित शिक्षक विद्यालय खोल कर बैठे हैं.