तेजस्वी ने देर रात नीतीश को घेरा, बिहारियों को 'आना' नहीं 'लाना' होगा

तेजस्वी ने देर रात नीतीश को घेरा, बिहारियों को 'आना' नहीं 'लाना' होगा

PATNA : राज्य के बाहर फंसे बिहारियों के मुद्दे पर सियासत परत दर परत आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद आक्रामक हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देर रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर लिया। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के फैसले पर आभार जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोशल मीडिया के जरिए धन्यवाद दिया था लेकिन तेजस्वी यादव ने इसी दौरान घेराबंदी कर दी।


दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से बिहार आने को इच्छुक प्रवासी मजदूरों, छात्र-छात्राओं, श्रद्धालुओं व पर्यटकों तथा अन्य लोगों को आने में सुविधा होगी और उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। तेजस्वी ने नीतीश कुमार के इस बयान पर आश्चर्य जताते हुए पलटवार किया है। तेजस्वी ने कहा है कि बिहारियों को आना नहीं लाना होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि शब्दों की बाजीगरी से कर्तव्य की इतिश्री नहीं की जा सकती। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं और सरकार में होने के कारण उनका दायित्व है कि वह बिहारियों को सकुशल वापस लाएं। तेजस्वी ने कहा है कि मुख्यमंत्री इस तरह शब्दों की बाजीगरी से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते।


नेता प्रतिपक्ष ने केंद्र के फैसले के बाद क्या कहा था 

तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार बार-बार नियम का हवाला दे रहे थे. लेकिन उनका इगो और उनकी जिद से हटना पड़ा. अब सीएम से अपील है कि जो बिहारी भाई फंसे है उनको अविलंब वापस लाए. सरकार से अपील है कि जल्द से लाया जाए. अगर वापस लाने में सक्षम नहीं है तो बिहारवासियों को यह बताना चाहिए.  तेजस्वी ने कहा कि बिहार में राशन वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान कुछ और डाटा देते हैं और बिहार सरकार का डाटा कुछ और मिलता है. कोरोना संकट में सिर्फ आईवास किया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना संकट के बीच सबसे बड़ी चिंता मजदूरों की थी. लगभग 25 लाख लोग जो बिहार के बाहर फंसे श्रमवीर और प्रवासी मजदूर की मांग की थी कि वह लॉकडाउन के बीच अपने परिवार के बीच आ जाए. मैंने इसको लेकर सरकार से हाथ जोड़कर विनती की थी. 35 दिनों से पूछ रहा था कि बिहार सरकार बाहर फंसे लोगों को वापस क्यों नहीं ला रही है. जबकि बाकी राज्य वापस ला रहे है. हमलोगों के दबाव और संघर्ष के बाद सरकार ने गाइड लाइन जारी दिया है. जिसमें मजदूर और छात्रों को वापस लाने की अनुमति दी गई है.