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1st Bihar Published by: Updated Sun, 04 Dec 2022 12:56:15 PM IST
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NALANDA : बिहार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा एक तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को लेकर मिशन- 60 चलाया जा रहा है। इतना ही समय- समय खुद से अस्पतालों का निरीक्षण भी किया जा रहा है। लेकिन, दूसरी तरफ इनके इस प्रयास का उनके ही विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर पानी फेड़ने में लगे हुए हैं। ऐसे में अब जो मामला आया है वह राज्य के मुखिया के गृह जिले से जुडी हुई है। यहां मारपीट के दौरान जख्मी हुई एक महिला को इलाज के अस्पताल में भर्ती होने को लेकर पसीना छूट गया। इसके बाबजूद उचित ढंग से उसका इलाज नहीं हुआ।
बिहार में स्वास्थ्य विभाग और उसके मंत्री द्वारा किये जा रहे कामों की किड़किडी होती हुई दिखी। भले ही बिहार के स्वास्थ्य मंत्री राज्य के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए और स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने की बात करते हो। लेकिन,अभी भी उनके इस प्रयास में उनके विभाग कर्मी के सहयोग में घोर कमी देखने को मिला है। दरअसल,बिहार के नालंदा जिले के सदर अस्पताल में रविवार को मारपीट में जख्मी हुई मरीज झुन्नी देवी इलाज के लिए पहुंची। पहले तो इन्हें अस्पताल के डॉक्टरों से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा, उसके बाद जब डॉक्टरों ने इन्हें देखा तो फिर भर्ती करने को कहा गया और कमर में चोट होने की वजह से एक्सरे कराने को कहा।
इधर, इसके बाद जब एक्स रे कराने के लिए मरीज को एक्स रे रूम में ले जाने की नौबत आई तो सबसे अजीब वाकया हुआ। अस्पताल प्रसाशन द्वारा यह कह दिया गया की उनके पास फिलहाल स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में परिजनों को इस महिला का एक्स रे करवाने के लिए गोद उठाकर एक्स रे करवाना पड़ा। इस दौरान वह अस्पताल कैंपस में वापस से चोटिल होते- होते बची।
इस घटना को लेकर, परिवार के सदस्य ने बताया की नूरसराय थाना क्षेत्र के बेलसर गांव में गोतिया के बीच हुए विवाद में मारपीट हुआ था। जिसमें झुन्नी देवी और उसके पति शंभु कुमार जख्मी हो गया। जिसके बाद दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मगर एक्सरे करने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया गया जिसके कारण मजबूरी में गोद में उठाकर ले जाना पड़ा।