तेजस्वी के खिलाफ मामले में गुजरात की कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत इस दिन सुनायेगी फैसला

तेजस्वी के खिलाफ मामले में गुजरात की कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत इस दिन सुनायेगी फैसला

DESK : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ चल रहे आपराधिकर मानहानि के मामले में आज गुजरात के अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट में मुकदमा दायर करने वाले के वकील ने अपनी दलील दी और तेजस्वी को सजा देने की मांग की. मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने तेजस्वी के खिलाफ मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.


दरअसल, कोर्ट में मुकदमा दायर करने वाले हरेश मेहता के वकील ने तेजस्वी यादव को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी करने की मांग की है. मंगलवार को अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत ने कहा कि 28 अगस्त को अपना आदेश देगी. अदालत 28 अगस्त को बतायेगी कि तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक मानहानि के लिए IPC की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में उन्हें समन जारी किया जाए या नहीं.


अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन अदालत ने तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज इस केस सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली है. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 28 अगस्त को ये तय होगा कि इस केस में हाजिर होने के लिए तेजस्वी यादव को समन जारी किया जायेगा या नहीं.


क्या है तेजस्वी पर आरोप

तेजस्वी यादव पर गुजरातियों को अपमानित और बदनाम करने का आरोप है. कोर्ट में हरेश मेहता नाम के व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि तेजस्वी यादव ने पटना में 21 मार्च को पत्रकरों से बात करते हुए कहा था कि मौजूदा स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनका अपराध  माफ कर दिया जायेगा. अगर भारतीय जीवन बीमा निगम और बैंक का पैसा लेने के बाद वे भाग गए तो कौन जिम्मेदार होगा?' हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दर्ज करायी है.


हरेश मेहता ने कोर्ट से कहा है कि तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक रूप से इस तरह का आपराधिक बयान दिया है. पूरे गुजराती समुदाय को सार्वजनिक तौर पर ठग कहना सभी गुजरातियों के लिए अपमानजनक है. इस बयान से पूरा समाज बदनाम और अपमानित हुआ है. कोर्ट में दायर केस में तेजस्वी यादव को अधिकतम सजा देने की मांग की गयी है. केस में कहा गया है कि ठग का मतलब दुष्ट, धूर्त और आपराधिक व्यक्ति होता है. पूरे समुदाय के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल करने से गैर-गुजराती लोग गुजरातियों को संदेह की दृष्टि से देखेंगे.