तेजस्वी की संपत्ति पर उठ रहे सवालों का RJD ने दिया जवाब, जगदानंद बोले- केंद्रीय मंत्री भी दें ब्यौरा

तेजस्वी की संपत्ति पर उठ रहे सवालों का RJD ने दिया जवाब, जगदानंद बोले- केंद्रीय मंत्री भी दें ब्यौरा

PATNA : बिहार में नए साल की शुरुआत से पहले नीतीश कैबिनेट के सभी मंत्रियों द्वारा अपने संपति का बोयरा दिया गया।  जिसके बाद इसको लेकर बिहार कि राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गई।  बिहार में विपक्षी पार्टी कि भूमिका निभा रही भाजपा के तरफ से इसे फर्जी आकड़ा करार दिया गया, तो वहीं अब बिहार कि सत्ता में सहयोगी कि भूमिका निभा रही राजद के तरफ से केंद्रीय मंत्रियों से उनके संपति का ब्यौरा देने तक कि मांग कर दी गई।  


दरअसल, बिहार 31 दिसंबर की देर रात कैबिनेट के सभी मंत्रियों कि कुल संपति को सार्वजनिक किया गया। जिसमें कई मंत्रियों कि संपति  राज्य के उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री से अधिक दिखाया गया।  इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह रही है कि, सूबे के उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे होने के बाबजूद तेजस्वी यादव के पास खुद को कोई भी गाड़ी नहीं बताई गई। इनकी कुल संपति भी 6 करोड़ से कम कि बताई गई।  जिसके बाद भाजपा के तरफ से इसको लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए गए और अब इन्हीं सवालों का जवाब राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अपने ही तरीकों से दिया है। 


राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि, बिहार के सभी मंत्रियों ने ईमानदारी पूर्वक अपना संपत्ति का ब्यौरा दे दिया है। लेकिन भारत सरकार के किसी मंत्री ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि, बिहार में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को संपत्ति का ब्यौरा देने की बात कही है। हर साल जितने भी मंत्रिमंडल के सदस्य होते हैं वह अपनी संपत्ति का ब्यौरा देते हैं। लेकिन, ऐसी व्यवस्था केंद्र सरकार लागू नहीं कर रही है। 


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जहां तक बीजेपी के नेताओं की बात है तो बीजेपी के नेता अगर बिहार सरकार के किसी मंत्री के संपत्ति के विवरण पर बयान देते हैं तो उन्हें अच्छे से समझ लेना चाहिए कि जो संपत्ति का ब्यौरा मंत्रियों ने जारी किया है उन्हें  भाजपा के लोगों को कोई शक लग रहा है तो वह कोर्ट में क्यों नहीं जाते हैं, उनलोगों को कोर्ट जाना चाहिए। 


इसके आलावा उन्होंने कहा कि, देश में एक परंपरा है, एक कानून है जिसके तहत सभी को विवरण देना होता है। बिहार के मंत्री यह काम कर रहे हैं, इससे बेहतर बात और क्या ही हो सकती है। सुशील कुमार मोदी को प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति पूछनी चाहिए. अगर संपत्ति की जानकारी देने वाला कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी देता होता तो उसके लिए कोर्ट है और कोर्ट में जाकर उसके खिलाफ केस करें। अगर वह गलत होगा तो उस पर कार्रवाई होगी। जो व्यापारी देश की संपत्ति लूट कर भाग गए उनकी संपत्ति लाने का वादा कहां चला गया? बीजेपी के लोगों के लिए बड़बोलापन अच्छा नहीं है। 


गौरतलब हो कि, बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्रियों ने संपत्ति का ब्यौरा जारी किया है। इस सरकार के कई मंत्री करोड़पति हैं। वहीं कई मंत्री अपने पास हथियार रखने के शौकीन हैं। इसके साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के संपत्तियों के सार्वजनिक करने के बाद सारे मंत्रियों ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक कर दिया है।