नीतीश ने नहीं भेजा निमंत्रण ! विपक्षी एकता की मीटिंग में नहीं आ रहे KCR, तेजस्वी ने भी कर दिया साफ़

 नीतीश ने नहीं भेजा निमंत्रण ! विपक्षी एकता की मीटिंग में नहीं आ रहे KCR, तेजस्वी ने भी कर दिया साफ़

बिहार के  डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता की मीटिंग को लेकर कहा कि- यह मीटिंग बेहद ख़ास और ऐतिहासिक होगा। इससे  आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बड़े परिवर्तन की शुरूआत होगी। लेकिन, सबसे बड़ी बात है क़ि इस बैठक में तेलांगना के सीएम के आगमन को लेकर सवाल किया गया तो वो कन्नी काटते हुए नजर आए। तेजस्वी यादव ने महज कितना कहते हुए सवालों को अनसुना करते रहे कि - उनकी बात नहीं हुई है हमलोग मीटिंग कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि, आखिर इतनी बड़ी मीटिंग में उनसे बात नहीं होने या उनके नहीं आने के पीछे की वजह क्या है। ऐसा नहीं है कि केसीआर बिहार नहीं आए लेकिन इसके बाबजूद इतनी बड़ी मीटिंग में उनका शामिल नहीं होना सबकुछ सही नहीं होने का संकेत दे रहा है। 


दरअसल, तेजस्वी यादव से जब यह सवाल किया गया कि -  23 जून को प्रस्तावित विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक में कितने दल शामिल हो रहे हैं, क्या इस मीटिंग में केसीआर आएंगे।  जिसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि - 15 दल विपक्ष में हैं, हमलोग 23 को मीटिंग कर रहे हैं।  इसमें सभी दलों के मुख्य नेता ही शामिल हो रहे हैं। इसके बाद जब उनसे अधिक जोड़ देकर सवाल किया गया कि क्या केसीआर आ रहे हैं ? तो तेजस्वी ने कहा कि- उनसे हमारी बात नहीं हुई है। 


दरअसल, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि तेलंगाना के सीएम केसीआर खुद प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में देख रहे हैं। इसको लेकर वो देश भर के  तमाम अखबारों में अपना संदेश भी दिलवा रहे हैं। ऐसे में अगर वह विपक्षी एकता की मीटिंग में शामिल होते हैं तो फिर विपक्षी दलों के तरफ से प्रधानमंत्री चेहरा को लेकर जोनाम तय होगा उन्हें उनका समर्थन करना होगा। इस लिहाजा यह माना जा रहा है कि केसीआर इस बैठक से दूरी बना रहे हैं। इसके साथ ही साथ वह नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में देखना नहीं चाहते हैं ऐसा भी कहा जा रहा है। वहीं, तेजस्वी का यह कहना कि उनसे बात नहीं हुई है, इस बात के तरफ भी संकेत करता है की उन्हें निमंत्रण नहीं दिया गया है। हालांकि इन बातों को लेकर केसीआर ने कोई अधिकारिक तौर पर बयान नहीं दिया है और ना ही कभी उन्होंने कहा है कि वह विपक्षी एकरूपता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लेकिन अब जब 23 तारीख को इतनी बड़ी मीटिंग होनी है तो इस मीटिंग में उनका शामिल नहीं होना इन्हीं बातों की ओर संकेत कर रहा है। 


इधर, पूर्व सीएम शरद पवार ने कहा कि सीए्म नीतीश कुमार ने फोन किया और निमंत्रण दिया।  मैं मीटिंग में जाऊंगा। पवार ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दे पर मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके साथ ही इस मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवालशामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं।  इसके अलावा उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि बैठक में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे। 


आपको बताते चलें कि, विपक्षी दलों की मीटिंग पहले पटना में 12 जून को होनी थी। लेकिन कांग्रेस और द्रविड मुनेत्र कषगम (DMK) सहित कुछ दलों ने तारीख में बदलाव का अनुरोध किया था। जिसके बाद यह मीटिंग टाल दी गई थी।  इसके बाद यह इसको लेकर नए डेट का ऐलान कर दिया गया है और इस बैठक को लेकर सभी तैयारी भी कर ली गई है।