‘कौन सत्ता मे आएगा और कौन नहीं, यह जनता तय करेगी कोई व्यक्ति नहीं’ : चिराग का तेजस्वी पर पलटवार

‘कौन सत्ता मे आएगा और कौन नहीं, यह जनता तय करेगी कोई व्यक्ति नहीं’ : चिराग का तेजस्वी पर पलटवार

PATNA : तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों कहा था कि जो वर्ष 2014 वाले हैं उन्हें 2024 में नहीं आने देंगे। नीतीश कुमार ने यह बीड़ा उठाया था। लेकिन अब जब वह उन्ही लोगों के साथ चले गए हैं तो इस बीड़ा को अब वह खुद उठाने का काम करेंगे। तेजस्वी के इस बयान पर लोजपा (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान ने भी पलटवार किया है।


तेजस्वी पर पलटवार करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि कौन सत्ता मे आता है और कौन नहीं आता है यह बीड़ा कोई व्यक्ति नहीं उठा सकता है, इसका बीड़ा जनता उठाती है। बिहार की जनता ने जब यह तय कर लिया है तो कोई और कौन होता है बीड़ा उठाने वाला। इस तरीके का बीड़ा ये कई बार उठा चुके हैं। 2014 में बीड़ा उठाए थे क्या हश्र हुआ था, 2019 में भी उठाया था, खाता तक नहीं खुलेगा लेकिन क्या परिणाम आए थे।


चुनाव के परिणाम जब निर्धारित किए जाते हैं तो कोई व्यक्ति जिम्मेवार नहीं होता है, इसकी जिम्मेदारी पूरा देश अपने कंधों पर लेता है। देश ने यह मन बना लिया है कि तीसरी बार भी नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। बता दें कि वाराणसी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना नामांकन दाखिल करेंगे। पीएम मोदी के नामांकन में शामिल होने जाने से पहले चिराग ने तेजस्वी यादव पर पलटवार किया।


वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के निधन पर चिराग पासवान ने दुख जताया है। चिराग ने कहा कि यह घटना बहुत ही पीड़ा दायक है, यह इतनी जल्दी हो जाएगा इसकी कल्पना हमलोगों ने नहीं की थी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में वे मौजूद थे। इस दौरान बहुत सारी पारिवारिक और राजनीतिक बातें हुईं थी। उस वक्त को किसी को जानकारी भी नहीं थी कि वे किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। 


उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने इतना सागदी भरा जीवन व्यतित किया वे आज हमारे बीच नहीं है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। वह मेरे पिता रामविलास पासवान के साथ एक साथी की भूमिका में रहे। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए दोहरी क्षति है। एक तरफ कुछ समय अपने पिता को खोया और अब अभिभावक तुल्य थे उनका नहीं रहना बहुत बड़ी क्षति है। जितना अध्ययन कर हर विषय को वह रखते थे, मुझे नहीं लगता कि कोई और नेता इतनी गंभीरता से अपनी जिम्मेवारी निभाता है। पक्ष में या विपक्ष में रहते हुए वे हर चीजों को पूरे तख्य के साथ लोगों के सामने रखते थे। वह हमेशा युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बने रहेंगे।