तेजस्वी ने 46 एसी वाले बंगले पर डेढ़ साल तक रखा कब्जा, सुशील मोदी ने BJP नेताओं को नोटिस पर उठाए सवाल

1st Bihar Published by: Updated Sun, 20 Nov 2022 08:01:36 PM IST

तेजस्वी ने 46 एसी वाले बंगले पर डेढ़ साल तक रखा कब्जा, सुशील मोदी ने BJP नेताओं को नोटिस पर उठाए सवाल

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PATNA : बिहार की राजनीति इन दिनों सरकारी बंगले को लेकर खूब गर्म दिख रही है। दरअसल, पिछली सरकार में मंत्री रहे बीजेपी नेताओं को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। नोटिस के साथ-साथ सरकार की तरफ से बीजेपी नेताओं पर जुर्माना भी लगाया गया है और इसी बात को लेकर बीजेपी इन दिनों हाय तौबा मचा रही है। एक तरफ बीजेपी के वह पूर्व मंत्री हैं जो सरकार के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी इस सियासी विवाद में कूद पड़े हैं। सुशील मोदी ने सरकारी बंगले को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के ऊपर सीधा हमला बोला है। बीजेपी सांसद ने नीतीश कुमार से सरकारी बंगलों पर श्वेत पत्र जारी करने तक की मांग कर दी है।


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुपर सीएम तेजस्वी प्रसाद के दबाव में राज्य सरकार राजनीतिक बदले की भावना से बीजेपी के पूर्व उप मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस थमाकर उनसे भारी जुर्माना वसूलना चाहती है। मोदी ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है नीतीश कुमार सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करें। सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी का कोई जनप्रतिनिधि किसी सरकारी आवास में तेजस्वी यादव की तरह जबरदस्ती नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि साल 2017 में महागठबंधन सरकार गिरने के बाद तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 5 देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली करने की नोटिस के बावजूद बिना कोई अतिरिक्त भुगतान किये न केवल डेढ़ साल तक वहां बने रहे, बल्कि हाईकोर्ट में मुकदमा हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट तक गए। 


सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा कर तेजस्वी यादव को वह बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसकी साज-सज्जा पर जनता के करोड़ों रुपये बहाये गए थे। उसके बाथरूम तक कुल 46 एसी लगे थे। मोदी ने कहा कि जिन भाजपा नेताओं को आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है, पहले उनके नाम आवंटित आवास को खाली करा कर और उसे रहने लायक बना कर दिया जाना चाहिए। सुशील मोदी के मुताबिक सत्तारूढ दल के दर्जनों लोग अवैध तरीके से सरकारी आवासों में रह रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।