राघोपुर में पुल टूटने के बाद जुगाड़ से चल रहा काम: सरकार ने किया ऐसा इंतजाम कि टेक्नोलॉजी देख लोग हैरान, MLA तेजस्वी यादव ने साधी चुप्पी

राघोपुर में पुल टूटने के बाद जुगाड़ से चल रहा काम: सरकार ने किया ऐसा इंतजाम कि टेक्नोलॉजी देख लोग हैरान, MLA तेजस्वी यादव ने साधी चुप्पी

HAJIPUR: तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में 20 साल पहले बना ईंट का कच्चा पुल गंगा के तेज बहाव के कारण अचानक गिर गया था। पुल के ध्वस्त होने से कई गांव के सैकड़ों लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया था। सैकड़ों लोगों को हर दिन पुल पार करने में भारी परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन सरकार ने इस समस्या का तोड़ निकाल लिया है और जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए लोग इस पार से उस पार आते-जाते हैं।


दरअसल, वैशाली जिले राघोपुर प्रखंड अंतर्गत राघोपुर पश्चिमी पंचायत कमल सिंह संभल सिंह प्लस टू विद्यालय के पास पिछले 20 साल पहले बने ईट का पुल गंगा नदी के पानी के तेज बहाव के कारण गिर गया था। पुल गिरने के कारण राघोपुर प्रखंड मुख्यालय से राघोपुर पूर्वी एवं पश्चिमी पंचायत के करीब एक दर्जन वार्ड का संपर्क टूट गया था। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।


राघोपुर पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर 5,6,9, 10 एवं 12 एवं राघोपुर पश्चिमी पंचायत के वार्ड नंबर 8, 9, 10, 11, 12 का संपर्क टूट गया था। जिसके कारण करीब दो पंचायत के 20 हजार लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया ता। बाढ़ के पानी में किसी तरह लोग जान जोखिम में डालकर एक स्थान से दूसरे स्थान आ जा रहे थे लेकिन अब स्थानीय प्रशासन ने इस समस्या का समाधान कर लिया है।


लोगों की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने जुगाड़ वाला इंतजाम कर दिया और टूटे हुए पुल के बीच नाव खड़ी कर दी है। नदी पार करने के लिए सरकार के इस जुगाड़ वाले इंतजाम, यानी नाव वाले पुल से लोग किसी तरह से नदी पार करने को मजबूर हैं। इलाके के लोग पुल के नदी में बह जाने से ज्यादा सरकार द्वारा किए गए जुगाड़ को देखकर हैरान हैं।


बता दें कि बिहार में पुलों के गिरने को लेकर सरकार के खिलाफ हमला बोलने वाले तेजस्वी यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पुल के ध्वस्त होने पर चुप्पी साध ली है। तेजस्वी के विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की जिंदगी जुगाड़ के सहारे कट रही है लेकिन तेजस्वी यादव ने इसपर सवाल उठाना तो दूर कुछ बोलना तक मुनासिब नहीं समझ पा रहे हैं।