PATNA: जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार में सियासत एक बार फिर से तेज हो गयी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और जातीय जनगणना पर जल्द फैसला किए जाने की मांग की है। वही जातीय जनगणना पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तेजस्वी के साथ हैं। उनका कहना है कि जातीय जनगणना का समर्थन हम भी कर रहे हैं और वो भी कर रहे हैं।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से तेजस्वी ने आग्रह किया है उनसे टाइम मांगा यह निर्णय मुख्यमंत्री जी को लेना है। ललन सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना का समर्थन वो भी कर रहे हैं और हम भी कर रहे हैं। तेजस्वी ने पटना से दिल्ली तक पैदल यात्रा करने के कार्यक्रम को तय किया है इसमें विरोध की बात कहां है।
वही मंच से जेडीयू कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के फायदे और नुकसान के बारे में बताया। ललन सिंह ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा की मांग हम इसलिए कर रहे है कि इससे बिहार को आर्थिक बोझ कम पड़ेगा। बिहार में औद्योगिक विकास होगा।
ललन सिंह ने कहा कि आज बिहार में कोई उद्योग नहीं लगाना चाहता। इसका कारण यह है कि बिहार में ट्रांसपॉटेशन की सुविधा नहीं है। रॉ मेटेरियल बाहर से लाया जाएगा और यहां फैक्ट्री में उत्पादन किया जाएगा। उसे बंबई,महाराष्ट्र,कर्नाटक या गुजरात के मार्केट में ले जाएगा तब माल प्रतिस्पर्धा में नहीं बिकेगा। इसलिए कोई उद्योग नहीं लगाना चाहता।
ललन सिंह ने कहा कि यदि दस वर्षों तक उद्योगपतियों को टैक्स में छूट मिलेगी तब बिहार में उद्योग लगेगा और विकास होगा। यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तब केंद्र सरकार को 90 प्रतिशत और राज्य सरकार को 10 प्रतिशत रकम देना होगा। जो पैसा बचेगा वो बिहार के विकास में लगाया जाएगा। जिससे बिहार विकासित राज्य होगा।