DELHI: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं. सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया है. लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर किया गया है. इस मामले में लालू यादव और राबडी देवी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दायर किया जा चुका था. सीबीआई ने अब तेजस्वी समेत दूसरे लोगों को भी अभियुक्त बनाते हुए चार्जशीट दायर किया है.
बता दें कि ये घोटाला उस वक्त का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे. 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार में लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ही ली थी. आरोप है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा हुआ दिखाया गया. कुछ लोगों ने तो लालू यादव के परिजनों को गिफ्ट में जमीन दे दी थी. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी जिसमें लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत रेलवे के अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों पर आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि वह मामले की आगे भी जांच कर रही है और इसमें नये लोगों की भूमिका सामने आ सकती है.
क्यों फंसे तेजस्वी?
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी के घोटाले में तेजस्वी यादव दिल्ली के सबसे पॉश इलाके न्यू फ्रेंडस कॉलोनी के अपने आलीशान बंगले के कारण फंसे हैं. सीबीआई और ईडी का आरोप है कि रेलवे के घोटाले से ये बंगला खरीदा गया. दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के इस बंगले का नंबर है डी-1088. चार मंजिले इस बंगले का रजिस्ट्रेशन मैसर्स एबी एक्सपोटर्स प्रा. लि. के नाम पर है. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव हैं. कागजों में बताया गया कि इस बंगले को सिर्फ 4 लाख रुपए में ही खरीदा गया था. जबकि इसकी कीमत 150 करोड़ रूपये से ज्यादा बतायी गयी है. जांच एजेंसियों का आरोप है कि इस संपत्ति को रेलवे घोटाले से जुटाए गये पैसे से खरीदा गया. तेजस्वी इस बंगले का उपयोग अपने आवास के रूप में करते हैं.
जमीन दो, रेलवे में नौकरी लो
आरोप है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. देखिये क्या है वे मामले
मामला नंबर- 1
पटना के रहने वाले संजय राय ने 3,375 वर्ग फीट का प्लॉट राबड़ी देवी को कागज पर 3 लाख 75 हजार रूपये में बेच दिया. संजय राय और उनके परिवार के दो सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी.
मामला नंबर- 2
पटना के हजारी राय ने 9,527 वर्ग फीट जमीन एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेची. 2014 में राबड़ी देवी इस कंपनी की मालकिन बन गईं. हजारीराय के दो भतीजों दिलचंद कुमार और प्रेमचंद कुमार को रेलवे में नौकरी दी गयी.
मामला नंबर- 3
लाल बाबू राय ने 13 लाख रुपये में 1,360 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेची. लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को रेलवे में भर्ती किया गया.
मामला नंबर- 4
विशुन देव राय नाम के व्यक्ति ने 3,375 वर्ग फीट जमीन सिवान के रहने वाले ललन चौधरी को बेची. ललन चौधरी ने ये जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को दे दी. ललन चौधरी के पोते पिंटू कुमार को रेलवे में नौकरी मिल गयी.
मामला नंबर-5
किशुन देव राव नाम के व्यक्ति ने जमीन राबड़ी देवी के नाम पर बेची. इसके परिवार के तीन सदस्यों राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मुंबई में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली.
मामला नंबर-6
किरण देवी ने अपनी लगभग ढ़ाई बीघा जमीन 3.70 लाख रुपये में लालू यादव की बेटी मीसा के नाम पर कर दी. किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को रेलवे में नौकरी मिली.
मामला नंबर-7
ब्रज नंदनराय ने अपनी जमीन गोपालगंज के ह्रदयानंद चौधरी को बेच दी. ह्रदयानंद को हाजीपुर में रेलवे की नौकरी मिली. बाद में ह्रदयानंद चौधरी ने वह जमीन लालू की बेटी हेमा के नाम पर कर दिया.
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी देने के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया. कोई प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी. पटना, गोपालगंज के लोगों को देश भर में नौकरी दे दी गयी. वैसे ढेर सारे लोगों के परिजनों ने अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दी. 14 साल पुराने इस मामले में पिछली साल 18 मई को सीबीआई ने केस दर्ज किया था, सीबीआई के मुताबिक लालू यादव के परिवार ने पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर रखा है. ये सारी जमीन बेशकीमती है लेकिन उनका औने पौने दाम में खरीद बिक्री दिखायी गयी.
तेजस्वी पर भी आरोप
जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले में तेजस्वी यादव भी शामिल थे. दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कॉलोनी का उनका आलीशान बंगला एके इन्फोसिस्टम्सप्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है. ये रलवे घोटाले के पैसे से खरीदा गया हगै. आरोप है कि रेलवे में नौकरी पाने वाले एक आदमी ने 9527 वर्ग फीट जमीन इसी कंपनी को 10.83 लाख रुपए में बेच दी थी जिस कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और मीसा भारती ने अपने अधीन कर लिया. बाद में इस कंपन के मालिक तेजस्वी यादव बन बैठे.