PATNA: बिहार में इन दिनों अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का दौर धड़ल्ले से जारी है. आईएएस से लेकर आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सियासी और प्रशासनिक गलियारे में कई तरह की चर्चायें हो रही हैं. लेकिन बुधवार की शाम नीतीश कुमार ने जिन वरीय अधिकारियों का ट्रांसफर किया, उसमें कई दिलचस्प बातें निकल कर सामने आयी हैं. चर्चा ये है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के खास और बड़बोले मंत्री को ठीक करने का इंतजाम कर दिया है. बता दें कि मंत्री के कारनामों की चर्चा लगातार हो रही थी. लेकिन तेजस्वी यादव के खास होने के कारण उनका कुछ नहीं बिगड़ रहा था।
शिक्षा विभाग भेजे गये केके पाठक
बुधवार की शाम राज्य सरकार ने बेहद कड़क अधिकारी माने जाने वाले केके पाठक को मद्य निषेध विभाग से हटाकर शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बना दिया. ये वही केके पाठक हैं, जिन्हें नीतीश कुमार ने अपने शराबबंदी मिशन को अंजाम देने के लिए खास तौर पर मद्य निषेध विभाग में तैनात किया था. लेकिन अचानक से उन्हें मद्य निषेध विभाग से हटा दिया गया है. जाहिर है कि चर्चा ये हो रही है कि अब वे नीतीश कुमार के दूसरे टास्क को पूरा करेंगे।
शिक्षा मंत्री की हुई दवाई!
सचिवालय के गलियारे में हो रही चर्चा के मुताबिक केके पाठक शिक्षा विभाग के मंत्री पर अंकुश लगाने के लिए भेजे गये हैं. बेहद कड़क अधिकारी केके पाठक का इतिहास रहा है कि वे अपने तरीके से विभाग को चलाते हैं और किसी मंत्री के दवाब में काम नहीं करते. जाहिर है वे शिक्षा विभाग में जाकर भी वैसा ही करेंगे. दरअसल चर्चा ये है कि बिहार के मौजूदा शिक्षा मंत्री के कई कारनामों की खबर लगातार मुख्यमंत्री आवास पहुंच रही थी।
काफी दिनों तक पप्पू यादव के शिष्य रहे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर न सिर्फ अपने विवादास्पद बयानों से चर्चे में थे बल्कि उनके कई और कारनामों की चर्चा आम है। चर्चा ये है कि दूसरी बातों को तो छोड़िये, बिहार के छात्रों को पढ़ाई के लिए दिये जाने वाले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की फाइल भी मंत्री के दफ्तर में लटक रही थी। जानकार इसका मतलब समझ रहे थे. इसी जून के महीने में सरकारी अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला होता है. मई के आखिरी सप्ताह से ही जिस तरीके से शिक्षा विभाग के अधिकारी मंत्री के दफ्तर औऱ आवास में पहुंच रहे थे, उसे लेकर भी कई तरह की चर्चायें हो रही थीं।
सरकार ने बीपीएससी के जरिये शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नियुक्ति तो बीपीएससी को करना है लेकिन उनकी पोस्टिंग की फाइल शिक्षा विभाग में ही खुलनी है। बीपीएससी के जरिये नियुक्ति होने वाले लगभग 1 लाख 70 हजार शिक्षकों में से ज्यादातर अपने मन मुताबिक पोस्टिंग चाहेंगे। इसमें क्या खेल हो सकता है, सचिवालय में तरह-तरह से इसका अंदाजा लगाया जा रहा था. लेकिन अब केके पाठक की तैनाती के बाद कोई खेल कर पाना बहुत मुश्किल होगा।