BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन BIHAR: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शहीद इम्तियाज को दी श्रद्धांजलि, राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान को किया नमन Life Style: गर्मी में सेहत का असली साथी है बेल का शरबत, ये 5 फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान Punganur cow: दुनिया की सबसे छोटी पुंगनूर गाय की खूबियाँ सुनकर उड़ जाएंगे होश, ऋषि-मुनि भी इस गाय को पालते थे! Success Story: विदेश में पढ़े इस युवक ने छोले-कुलचे को बनाया ब्रांड, अब कमा रहे हैं करोडों रुपए; जानिए...अनोखी स्टार्टअप की जर्नी Ajay Devgn: "कराटे किड: लेजेंड्स" में बाप-बेटे की एंट्री, बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचा देगी यह बहुप्रतीक्षित फिल्म Bihar Passport News: बिहार में पासपोर्ट बनाने का नया हब! जानिए किस जिले ने सीवान और छपरा को छोड़ा पीछे Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार व्यवसायी से 5 लाख की लूट, फ़िल्मी अंदाज में दिया गया वारदात को अंजाम
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR EXCLUSIVE Updated Tue, 25 Jul 2023 08:22:05 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार सरकार में राजद के एक और मंत्री का बड़ा कारनामा सामने आया है. इस मामले में सरकार की भद्द पिटने के बाद नीतीश कुमार ने भी बड़ा एक्शन लिया है. नीतीश कुमार के आदेश के बाद बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के 480 अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग एक झटके में रद्द कर दी गयी है. 30 जून की रात सीओ, राजस्व पदाधिकारी और चकबंदी पदाधिकारियों की भारी पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग हुई थी. इसमें बडे पैमाने पर खेल होने की चर्चा आम थी.
बता दें कि बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता हैं. वे तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. आलोक कुमार मेहता के विभाग ने 30 जून की रात ताबड़तोड़ ट्रांसफर-पोस्टिंग के पांच आदेश जारी किये थे. इनमें 517 पदाधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की गयी थी. 30 पदाधिकारियों को अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था. बाकी 480 अधिकारियों को बिहार के अलग अलग अंचलों में पोस्टिंग की गयी थी. इनमें सबसे ज्यादा 395 अंचलाधिकारी यानि सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की गयी थी.
बता दें कि बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक साल के जून महीने में मंत्रियों को ये अधिकार होता है कि वह अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं. इसके अलावा किसी दूसरे महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने पर उसकी मंजूरी मुख्यमंत्री से लेनी होती है. जून महीने के आखिरी दिन मंत्री आलोक कुमार मेहता के विभाग में ताबड़तोड़ ट्रांसफर पोस्टिंग की नोटिफिकेशन निकाली गयी.
ऐसे हुआ था खेल?
दरअसल राज्य सरकार का नियम है कि किसी पदाधिकारी की पोस्टिंग एक स्थान पर तीन साल के लिए करनी है. बहुत विशेष परिस्थिति में ही 3 साल से पहले किसी अधिकारी की ट्रांसफर पोस्टिंग करना है. लेकिन आलोक मेहता ने बिहार के लगभग 75 परसेंट सीओ का एक झटके में ट्रांसफर कर दिया. इनमें से ज्यादातर ऐसे थे जिनकी पोस्टिंग के तीन साल नहीं हुए थे. हद तो ये था कि 6 महीने-एक साल पहले जिसकी पोस्टिंग हुई थी, उसका भी ट्रांसफर कर दिया गया.
कई विधायकों ने की थी शिकायत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए कारनामे की चर्चा पूरे प्रशासनिक और सरकारी महकमे में आम थी. चर्चा तो ये हो रही थी कि खेल 100 करोड़ से ज्यादा का है. इस बीच कई विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीओ की ट्रांसफर पोस्टिंग की शिकायत की थी. जुलाई के पहले सप्ताह में ही नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइल अपने पास मंगवायी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने पूरे तबादले की जांच करायी थी. जांच में बड़े खेल का खुलासा हुआ.
रद्द कर दी गयी ट्रांसफर पोस्टिंग
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए खेल के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से सख्त दिशा निर्देश दिये गये थे. इसके बाद आज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने खुद अधिसूचना जारी की है. इसमें 30 जून को जारी ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना संख्या-4159(3), 416(3), 417(3) और 418(3) को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया है. विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार सरकार के राजस्व पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, सहायक चकबंदी पदाधिकारी जैसे पदों पर 30 जून को किया गया तबादला निरस्त किया जाता है.
राजद के दूसरे मंत्री पर गिरी गाज
नीतीश कुमार ने राजद के दूसरे मंत्री पर गाज गिरायी है. दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी मंत्री माने जाते हैं. इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग में केके पाठक को बिठा कर उन्हें ठीक किया गया. शिक्षा विभाग में केके पाठक के जाने के बाद हाल ये हुआ कि जून महीने में मंत्री चंद्रशेखर कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पाये. सरकारी महकमे में चर्चा यही है कि ट्रांसफर पोस्टिंग का इरादा पूरा नहीं होने के बाद ही मंत्री चंद्रशेखर बौखलाये थे. उनके पास ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए 200 से ज्यादा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और दर्जनों जिला शिक्षा पदाधिकारियों की लिस्ट तैयार थी. लेकिन केके पाठक ने सारी प्लानिंग फेल कर दी. तभी जून महीना बीत जाने के बाद जुलाई में मंत्री चंद्रशेखर के सब्र का बांध टूट गया था.