सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में अगले कुछ घंटे भीषण बारिश, IMD का अलर्ट जारी
1st Bihar Published by: Updated Thu, 20 May 2021 04:20:25 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में कोरोना महामारी के बीच पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं दिख रहा है. अगले महीने 15 जून को पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में नीतीश सरकार 15 जून के बाद पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी अफसरों को देने की तैयारी कर रही है. लेकिन बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसका विरोध किया है. तेजस्वी ने 15 जून के बाद भी पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी मौजूदा निर्वाचित प्रतिनिधियों को देने की वकालत की है. तेजस्वी ने कहा है कि अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो भ्रष्टाचार और तानाशाही बढ़ेगी.
गुरूवार को बिहार के नेता प्रतिवाक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा कि "सरकार से माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए, जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके." उन्होंने आगे लिखा कि "पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है. अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा. अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी. लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं."
नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा की "बिहार पहले से ही नीतीश सरकार की तानशाही और लोकतंत्र की हत्या से परेशान है. अब कम से कम पंचायत और वार्ड स्तर पर तो इस अलोकतांत्रिक रवैये, तानाशाही और संगठित भ्रष्टाचार को फैलाने से परहेज़ किजीए." गौरतलब हो कि मौजूदा जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर बिहार के राजनीतिक दलों का अलग-अलग मत है. भाजपा, जेडीयू और हम के बीच भी इस मुद्दे पर आपसी मतभेद है.
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को पूूरा पांच साल काम करने का मौका मिला है. उन्होंने अपना काम पूरा कर लिया होगा. अगर कुछ बच गया है तो उसे सरकार अपने स्तर से पूरा कर लेगी. उधर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम सबके सामने कोरोना से निबटने की बड़ी चुनौती है. पंचायतों का कार्यकाल 15 जून तक है. समय आने पर राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी. जबकि सत्तारूढ़ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का रुख थोड़ा अलग है. वह कार्यकाल में विस्तार के पक्ष में है.
सरकार से माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2021
आपको बता दें कि बिहार की त्रिस्तरीय पंचायतों का कामकाज अगले महीने 15 जून के बाद जनप्रतिनिधियों के बजाए पूरी तरह अफसरों के हवाले होगा. वार्ड से लेकर ग्राम पंचायत, पंचायती समिति और जिला परिषद तक की विकास योजनाएं बनाने और मंजूर करने का अधिकार प्रखंड से लेकर जिलों के अफसरों को देने की तैयारी की जा रही है. विकास योजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार बीडीओ, डीडीसी और डीएम को सौंपने का मसौदा पंचायती राज विभाग तैयार कर रहा है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा.