तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल, DGP के बयान को बताया गैरजिम्मेदाराना

तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल, DGP के बयान को बताया गैरजिम्मेदाराना

PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार पुलिस की शैली पर सवाल उठाए हैं।उन्होनें बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया है जिसमें वे डॉक्टरों और पुलिस वालों पर हमला करने वाले लोगों को सड़ा-गला देने की बात कर रहे हैं।


तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी, लॉकडाउन के मध्य मानसिक अवसाद से ग्रस्त आपके कुछ कुंठित अधिकारी मानव अधिकारों का हनन कर रहे है। डीजीपी सड़ा देंगे-गला देंगे जैसे ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान देकर ऐसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ा रहे है। बेगूसराय के बीरपुर थाना और नावकोठी थाना में विक्रम और संतोष की कस्टडी में संस्थानिक हत्या हुई है।नीतीश जी, आप ऐसे पुलिसकर्मियों के चरित्र से भली-भांति वाक़िफ़ है। अगर बेगूसराय और औरंगाबाद के अकौनी में हुई पुलिस ज्यादतियों के दोषी अधिकारियों पर कोई कारवाई नहीं हुई तो लॉकडाउन के बाद बड़ा जनआंदोलन होगा। इसलिए समय रहते कारवाई कीजिए।


तेजस्वी  यादव ने बेगूसराय की घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि  विक्रम पौद्दार का ग़ैर जातीय लड़की से प्रेमप्रसंग था।लड़की के स्वजातीय थाना प्रभारी ने उसे पुलिस कस्टडी में ले लिया। 3 दिन बाद सूचना प्राप्त होती है कि उसने कस्टडी में आत्महत्या कर ली। सामाजिक कार्यकर्ता संतोष शर्मा बिहार पुलिस से इस विषय पर सवाल करते है। बेगूसराय पुलिस उसे भी उठा लेती है।बक़ौल संतोष शर्मा एक सांसद के हस्तक्षेप के कारण पुलिस उसकी जमकर पिटाई करती है। राजद नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दबाव में उसे छोड़ा जाता है। पिटाई के कारण उसकी दयनीय हालात देखकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। अंत में संतोष शर्मा की मृत्यु हो जाती है।