PATNA: बिहार चुनाव में इस दफे त्रिशंकु विधानसभा होने की भी संभावना जतायी जा रही है. ऐसे में क्या चुनाव के बाद राजद और जेडीयू के बीच संभावना है. राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ऐसी किसी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है. तेजस्वी ने कहा कि अब नीतीश कुमार से किसी समझौते की गुंजाइश नहीं. रही बात चिराग पासवान की तो वे बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी के किसी साझीदार से राजद समझौता नहीं करने जा रही.
क्या बोले तेजस्वी यादव
दरअसल एक अंग्रेजी अखबार को दिये गये इंटरव्यू में तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या वे चुनाव के बाद नीतीश कुमार से समझौता कर सकते हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता. अगर कोई ऐसा सोंचता है तो इसका मतलब है कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ देंगे. क्या नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ने को तैयार हैं. अगर नीतीश बीजेपी का साथ छोड़ भी देंगे तो भी राजद उनसे समझौता नहीं करेगी. नीतीश ने बिहार की जनता को ठगा है और ऐसे किसी नेता से आरजेडी कभी दोस्ती नहीं करने वाली.
तेजस्वी ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि त्रिशंकु विधानसभा होने जा रही है. एक तो ये नामुमकिन है. क्योंकि ये तय हो चुका है कि महागठबंधन पूरी तरह से बहुमत में आने जा रहा है. अगर त्रिशंकु विधानसभा हुआ भी तो इसका मतलब ये होगा कि लोगों ने नीतीश कुमार को रिजेक्ट कर दिया. ऐसी स्थिति में भी जनता द्वारा रिजेक्ट किये गये नेता से राजद कोई तालमेल नहीं करेगी.
तेजस्वी ने कहा कि सियासी जोड घटाव करने वाले 10 नवंबर का इंतजार करें. उन्हें हकीकत का अहसास हो जायेगा. बीजेपी-जेडीयू गठजोड़ के पैरों तले से जमीन खिसक गयी है. महागठबंधन को आराम से बहुमत आने जा रहा है. कहीं कोई शक का सवाल नहीं है. जिन्हें शक है वे जनता के बीच जाकर देख लें.
चिराग तो बीजेपी के साथ हैं, हमसे दोस्ती कैसे होगी
तो क्या चुनाव बाद राजद का समझौता चिराग पासवान की पार्टी से हो सकता है. तेजस्वी यादव ने कहा कि चिराग पासवान तो बीजेपी के साथ हैं. चिराग खुद कई दफे कह चुके हैं कि वे बीजेपी के साथ हैं. जो बीजेपी के साथ है उसके साथ आरजेडी का गठबंधन कैसे हो सकता है. लोजपा के अध्यक्ष ने खुद साफ कर दिया है कि वे बीजेपी के साथ रहेंगे. अब इस मसले पर राजद क्या बोलेगी.
शराबबंदी कानून की समीक्षा करेंगे
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका मानना है कि शराबबंदी होना चाहिये. लेकिन नीतीश कुमार ने जो कानून बनाया है उसकी समीक्षा जरूरी है. सरकार की लापरवाही के कारण बिहार में 10 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का अवैध शराब का कारोबार खडा हो गया है. शराब पर बैन है और दूसरी ज्यादा नशीली चीजें बाजार में आराम से मिल रही हैं. शराब की आड़ में कई बेकसूरों को जेल में डाल दिया गया है. आरजेडी इन बातों की समीक्षा करेगी.
वैसे शराबबंदी पर तो नीतीश कुमार और बीजेपी को सफाई देनी चाहिये. नीतीश कुमार देश भर में शऱाबबंदी की बात करते हैं. लेकिन उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी ने बिहार विधानसभा में शऱाबबंदी कानून का विरोध किया था. बिहार में बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार करने आ रहे हैं. वे क्यों नहीं शराबबंदी की बात करते हैं. वे क्यों नहीं एलान करते कि वे भी अपने राज्य में शराबबंदी करेंगे. यही बीजेपी का चरित्र है.