PATNA : आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कमजोर नस पर वार करते हुए उनसे 8 सवाल पूछे हैं. तेजस्वी ने आज फेसबुक पर लाइव नीतीश कुमार से बिहार में रोजगार को लेकर सवाल पूछा. आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश बतायें कि पिछले 15 सालों में बिहार के किस जिले के और किस जाते के लोगों को सरकारी नौकरियां मिली.
तेजस्वी ने पूछे आठ सवाल
फेसबुक के जरिये लाइव आकर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार अपने लोगों ने उन्हें और लालू यादव को गाली दिलवा रहे हैं. लेकिन वे जनता का सवाल सरकार से पूछेंगे. मुख्यमंत्री 90 दिनों से अपने घर में बंद हैं. नीतीश जी देश के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो 90 दिनों से घऱ से बाहर निकले ही नहीं हैं. ऐसे में उन्हें फेसबुक के जरिये लाइव आकर सवाल पूछना पड़ रहा है.
नीतीश की कमजोर नस पर तेजस्वी का वार
दरअसल विपक्षियां पार्टियां लगातार ये आरोप लगाती रही हैं कि नीतीश कुमार के राज में एक खास जिले के और एक खास जाति के लोगों को ताबड़तोड़ सरकारी नौकरियां बाटी गयी हैं. तेजस्वी ने भी आज मुद्दे को उठाया. उन्होंने नीतीश कुमार से सवाल पूछा-सरकार बताये कि पिछले 15 सालों में बिहार में कितनी सरकारी नियुक्ति हुई. उसमें किस जिले के और किस जाति के लोगों को सरकारी नौकरी मिली. सरकार जिलावार और जातिवार सरकारी नौकरियों का आंकडा जारी करे.
ये हैं तेजस्वी के आठ सवाल
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज फेसबुक लाइव के जरिये सरकार से जो सवाल पूछे हैं वो ये हैं.
-सरकार बताये कि 15 साल में कितने लोगों को बिहार में नौकरी मिली है.
-15 साल में सरकार में जो कुल कितनी नियुक्तियां हुई हैं उनका जिलावार और जातिवार आंकडा क्या है. यानि सरकार बतायें कि किस जिले के और किस जाति के लोगों को नौकरी मिली.
- बिहार में पिछले 15 सालों में कितने बेरोजगारों ने रोजगार निबंधन कार्यालय में निबंधन कराया है
-पिछले 15 सालों में बिहार से कुल कितने लोगों का पलायन हुआ है
-पिछले 15 सालों में बिहार में कुल कितने उद्योग और कल-कारखाने लगे हैं
-नीतीश कुमार के 15 सालों के कार्यकाल में पहले से चालू कितने चीनी,जूट और पेपर मिल से साथ साथ दूसरे कल-करखाने बंद हुए हैं. उनके बंद होने से बिहार को कितना नुकसान हुआ, कितने राजस्व-रोजगार की क्षति हुई
-पिछले 15 सालों में कितने लाख करोड़ रूपये शिक्षा और चिकित्सा के नाम दूसरे प्रदेश में गया. यानि जो लोग बिहार से बाहर पढ़ने गये या इलाज कराने गये उनका कितना पैसा खर्च हुआ
-बिहार के मानव संसाधन का कितना प्रतिशत बिहार में और दूसरे प्रदेश में कार्यरत है. यानि बिहार के जितने लोग काम कर सकते हैं उनमें से कितने बिहार में काम कर रहे हैं और कितने लोग दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं.