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1st Bihar Published by: Updated Fri, 21 May 2021 09:13:39 PM IST
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PATNA : अपने सरकारी आवास को कोविड केयर सेंटर बना कर नीतीश कुमार को पत्र लिखने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जवाब भेजा है. मंगल पांडेय ने अपने 5 पन्ने की चिट्ठी में कहा है कि तेजस्वी के सरकारी आवास में कोविड अस्पताल नहीं खोला जा सकता. वैसे भी बिहार सरकार के पास कोरोना मरीजों के इलाज का पर्याप्त इंतजाम है. मंगल पांडेय ने तेजस्वी को नसीहत दी है कि वे लोगों को जागरूक करें कि कोरोना से बचाव के लिए सरकारी व्यवस्था का सहारा लें.
सीएम को भेजा पत्र, मंगल पांडेय ने दिया जवाब
दरअसल दो दिन पहले तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. तेजस्वी ने लिखा था कि उन्होंने अपने सरकारी आवास में इलाज की सारी सुविधायें उपलब्ध करा दी हैं. बेड, दवा, ऑक्सीजन, दूसरे उपकरण से लेकर डॉक्टरों की भी व्यवस्था कर दी गयी है. लेकिन कोविड केयर सेंटर का संचालन सरकार ही कर सकती है. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि राज्य सरकार उनके आवास को कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिग्रहित कर उपयोग करे.
शुक्रवार को मंगल पांडेय ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र का जवाब दिया. तेजस्वी को भेजे गये पत्र में मंगल पांडेय ने लिखा है कि किसी आवासीय परिसर का उपयोग सिर्फ आवासन यानि रहने के लिए ही किया जा सकता है. तेजस्वी जिस आवास में कोविड मरीजों के इलाज की बात कर रहे हैं वह पूर्णतः आवासीय क्षेत्र में अवस्थित है. वहां कोविड अस्पताल नहीं खोला जा सकता. मंगल पांडेय ने लिखा है कि वैसे भी बिहार सरकार के पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजनयुक्त बेड उपलब्ध है. बेड को बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है इसलिए तेजस्वी यादव को लोगों को ये जानकारी देनी चाहिये कि वे सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों औऱ दूसरे सरकारी अस्पतालों में की गयी व्यवस्था के तहत अपना इलाज करें. वैसे सरकार भी इसका प्रचार प्रसार कर रही है.
सरकारी इंतजामों की दी जानकारी
मंगल पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार सरकार ने सूबे में कोविड के नियंत्रण के लिए लगातार काम किया है औऱ केंद्र सरकार से भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. सरकार ने कोविड की जांच, जरूरी दवा का इंतजाम, संक्रमित मरीजों के लिए बेड औऱ ऑक्सीजन से लेकर तमाम दूसरे उपाय कर लिये हैं. मंगल पांडेय ने पूरे डिटेल में विवरण दिया है.
स्वास्थ्य मंत्री के पत्र में कहा गया है कि बिहार में 165 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं जिनमें 11 हजार 382 बेड उपलब्ध है. इनमें 3 हजार 359 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है. इसके अलावा 110 कोविड हेल्थ सेंटर काम कर रहे हैं, जहां 5 हजार 188 ऑक्सीजयुक्त बेड, 90 आईसीयू औऱ 81 वेंटीलेटर बेड मौजूद है. इसके साथ ही सरकार ने 12 कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बना रखा है जहां 3574 बेड उपलब्ध है. इनमें 3 हजार 474 बेड पर ऑक्सीजन लगा है. 455 आईसीयू बेड हैं तो 271 वेंटीलेटर वाले बेड हैं. इसके अलावा 239 निजी अस्पतालों में भी कोविड का इलाज चल रहा है जहां 4 हजार 806 बेड उपलब्ध हैं. इनमें 2 हजार 11 बेड आईसीयू के हैं तो 474 वेंटीलेटर वाले बेड हैं.
मंगल पांडेय ने कहा है कि 20 मई को बिहार के कोविड केयर सेंटर में 211 मरीज, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 1427 मरीज और डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल में 1512 मरीजो का इलाज चल रहा है प्राइवेट अस्पतालों में 2 हजार 40 मरीज भर्ती हैं. ऐसे में कोविड मरीजों के लिए हजारों बेड खाली पड़े हुए हैं. इसके साथ ही सरकार ने एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम बना कर कोविड मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तय किया है. इसका प्रशिक्षण सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को भी दिया गया है.
मंगल पांडेय ने लिखा है कि बिहार में दवा औऱ इलाज में कहीं कोई कमी है ही नहीं. पॉजिटिव पाये जा रहे लोगों को घर पर ही मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्हें हर दवा दी जा रही है. होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को टेलीफोन से इलाज की सुविधा दी जा रही है. सरकारी चिकित्साकर्मी घर पर जाकर होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन लेवल औऱ टेम्परेचर की जांच कर रहे हैं ताकि जरूरत पड़े तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा सके.
मंगल पांडेय ने कहा है कि सरकार कोविड की जांच में भी बहुत आगे निकल चुकी है. बिहार में हर रोज लाखों जांच किये जा रहे हैं. 19 मई को बिहार में एक लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की गयी. बिहार में 20 आरटीपीसीआर मशीन से सैंपल की जांच हो रही है. अब तो मोबाइल वैन से RT-PCR जांच का फैला लिया जा चुका है. सरकार ने ऐसे पांच वैन खरीदने का फैसला लिया है जिसमें एक तो पहुंच भी चुका है.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन में भी बिहार में लगातार काम हो रहा है. बिहार सरकार को अब तक लगभग एक करोड़ वैक्सीन डोज प्राप्त हुए जिसमें से 96 लाख से ज्यादा डोज लोगों को दिये जा चुके हैं. 18 से 44 उम्र वालों को भी 10 लाख से ज्यादा डोज दिये जा चुके हैं.