PATNA : कोरोना महामारी के बीच नीतीश सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का आखिरकार पहली बार सरकार ने नोटिस लिया है. नीतीश सरकार ने विधायक फंड के मसले पर तेजस्वी यादव को जवाब दिया है. सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्री और योजना एवं विकास विभाग का जिम्मा संभालने वाले विजेंद्र प्रसाद यादव ने तेजस्वी को जवाब दिया है. मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने नेता प्रतिपक्ष को विस्तार से बताया है कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत जो राशि कोरोना की रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जा रही है. वह किन नियमों के तहत विधायक फंड से ली गई है.
मंत्री बिजेंद्र यादव ने सरकार की तरफ से नेता प्रतिपक्ष को जो जला दिया है, उसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की संशोधित मार्गदर्शिका जो 2014 में बनाई गई थी. उसके मुताबिक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित क्षेत्रीय विकास लाने के लिए बनाई गई है. सरकार ने बताया है कि इस योजना के लिए राशि का प्रावधान राज्य स्तर पर योजना एवं विकास विभाग के बजट में किया जाता है या योजना अपने वर्तमान स्वरूप में पूर्व में चलाई गई विधायक के 16 को सी योजना से अलग है. विधान मंडल के सदस्य देश से योजना के अंतर्गत किए जाने वाले आवश्यक कार्यों के बारे में सरकार को मात्र अपनी अनुशंसा देते हैं इसका मतलब स्पष्ट है कि विधानमंडल के माननीय सदस्य की अनुशंसा पर ही संपूर्ण राशि के अवयव करने का प्रावधान और उसकी बाध्यता नियमों में नहीं है इस विषय पर सरकार का ही फैसला अंतिम है.
तेजस्वी यादव को सरकार ने जो जवाब दिया है, उसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से दो करो रुपए प्रति विधानमंडल सदस्य की दर से कोरोना वायरस के लिए खर्च करने के बावजूद एक करोड़ रुपए हर विधायक और विधान पार्षद के पास उपलब्ध होगा. सभी विधायक और विधान पार्षद अपनी अनुशंसा इस एक करोड़ की राशि खर्च करने के लिए कर सकते हैं. सरकार ने कहा है कि इस बात को समझना होगा कि तीन करोड़ रुपए की संपूर्ण राशि की योजनाओं के लिए अनुशंसा करने का कोई विशेषाधिकार सदस्यों के पास नहीं है. इस बिंदु पर कोई आपत्ति नहीं कर सकता.
सरकार ने बताया है कि विधान मंडल के सदस्यों की तरफ से स्वास्थ्य संरचना दवाओं और उपकरणों की खरीद के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से कराने का विकल्प भी विधायकों और विधान पार्षदों को दे दिया गया है. योजना एवं विकास विभाग ने 3 मई को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किया था. अगर किसी विधायक को अपने इलाके में कोरोना वायरस के लिए अलग से कुछ उपाय करने हैं तो इसके लिए एक करोड़ की राशि उनके अनुशंसा पर खर्च की जा सकती है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाब देने के साथ सरकार ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि अब राज्य के अंदर विधायकों और विधान पार्षदों के फंड पर पूरा अधिकार केवल और केवल सरकार का है. सरकार जैसे चाहे इसे खर्च कर सकती है और इसकी बाध्यता नहीं की विधायक की अनुशंसा पर ही यह राशि खर्च होगी. तेजस्वी यादव को सरकार की तरफ से मिलाया जवाब महामारी के बीच बिहार में सियासी सरगर्मी और बढ़ाएगा.