तेजस्वी के साथ दूसरा डिप्टी सीएम RJD को कबूल नहीं, उपेंद्र कुशवाहा के सामने सबसे बड़ी मुश्किल

तेजस्वी के साथ दूसरा डिप्टी सीएम RJD को कबूल नहीं, उपेंद्र कुशवाहा के सामने सबसे बड़ी मुश्किल

PATNA : महागठबंधन की मौजूदा सरकार में दूसरे डिप्टी सीएम की चर्चा को लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा के बीच खुद कुशवाहा ने जो बातें कही हैं उसके बाद नए सिरे से बहस छिड़ गई है। उपेंद्र कुशवाहा डिप्टी सीएम बनेंगे या नहीं यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेना है लेकिन तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम की कुर्सी किसी और शख्स के साथ साझा करना पड़े यह बात आरजेडी को गवारा नहीं है। तेजस्वी यादव के अलावा दूसरे डिप्टी सीएम की चर्चा भर से आरजेडी के तेवर तल्ख हो जा रहे हैं, हालांकि पार्टी का कोई नेता खुलकर इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं लेकिन फर्स्ट बिहार से बातचीत में एक सीनियर आरजेडी नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि अगर दूसरा डिप्टी सीएम सरकार में होता है तो फिर तेजस्वी यादव क्या करेंगे? तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बाद सरकार में दूसरे नंबर का ओहदा रखते हैं। अगर किसी दूसरे डिप्टी सीएम की एंट्री कराई जाती है तो तेजस्वी यादव के राजनीतिक वजूद पर सवाल उठेंगे और हम इसके लिए तैयार नहीं। 


आरजेडी के नेता तो यहां तक मान रहे हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व को कबूल कर जिस तरह सरकार चला रही है वह तेजस्वी के भविष्य को देखते हुए बड़ा एडजस्टमेंट है। लेकिन अगर तेजस्वी के समकक्ष ही इस दूसरे चेहरे को ला खड़ा किया गया तो वैसी स्थिति में महागठबंधन सरकार का फार्मूला बिगड़ जाएगा। आपको याद दिला दें कि एनडीए की पिछली सरकार में बीजेपी ने अपने कोटे से 2–2 डिप्टी सीएम बनाए थे। तब नीतीश कुमार के साथ तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे लेकिन तेजस्वी यादव के रहते कोई दूसरा डिप्टी सीएम बन पाएगा इस बात की संभावना नजर नहीं आती और आरजेडी किसी कीमत पर इसके लिए तैयार नहीं होगी। 


बिहार की राजनीति में इस वक्त यह चर्चा है कि मकर संक्रांति के बाद नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मंत्रिमंडल विस्तार में ही दूसरे डिप्टी सीएम के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा की एंट्री हो सकती है। खुद कुशवाहा से जब इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने भी दिलचस्प जवाब दिया। कुशवाहा ने कहा कि वह मठ में नहीं बैठे हैं और ना ही सन्यासी हैं, इसका मतलब यह है कि कुशवाहा चाहते हैं कि सरकार में उनकी एंट्री हो लेकिन गेंद उन्होंने नीतीश कुमार के पाले में डाल रखी है। उपेंद्र कुशवाहा ने जब अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय किया था तब नीतीश कुमार उन्हें पार्टी का भविष्य बता रहे थे लेकिन महागठबंधन में एंट्री के साथ नीतीश तेजस्वी को भविष्य बताने लगे। ऐसे में कुशवाहा भी अगर राजनीतिक दखल की इच्छा रखते हैं और सरकार में हिस्सेदारी चाहते हैं तो राजनीतिक जानकार इसे गलत नहीं मानते। लेकिन तेजस्वी के रहते उपेंद्र कुशवाहा दूसरे डिप्टी सीएम बन पाएंगे यह फिलहाल संभव नहीं लग रहा।