PATNA: लॉकडाउन में 50 दिन तक बिहार से बाहर रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब बिहार में हैं. तेजस्वी 12 मई को बिहार वापस लौटे थे हालांकि उसके बाद उन्होंने अब तक की चुप्पी साधे रखी थी. शनिवार की दोपहर तेजस्वी यादव ने पहले वीडियो रिलीज किया और उसके बाद फिर अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए या मैसेज दे दिया कि आपदा के बीच उनकी पार्टी ने बिहार का चुनावी एजेंडा सेट कर दिया है.
मजदूरों के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव
राष्ट्रीय जनता दल बिहार में होने वाले इस साल के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के चेहरे को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है. लेकिन खुद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसी और का चेहरा आगे कर दिया है. तेजस्वी ने यह तय कर लिया है कि अब बिहार का चुनाव वह प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर लड़ेंगे. जी हां तेजस्वी यादव ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को लेकर चुनाव में जाने का मन बना लिया है और यही वजह है कि तेजस्वी ने अपने टि्वटर हैंडल का प्रोफाइल फोटो भी प्रवासी मजदूरों के नाम कर दिया है.
दरअसल तेजस्वी यादव को यह लगता है कि उनकी पार्टी प्रवासी मजदूरों को अगर अपने पाले में करने में कामयाब हो गई तो विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा तेजस्वी लगातार प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को उठा रहे हैं और अब उन्होंने तकलीफ में बिल बिलाते एक मजदूर की तस्वीर अपनी प्रोफाइल फोटो के तौर पर लगाई है. राष्ट्रीय जनता दल पहले ही प्रवासी मजदूरों को अपने साथ जोड़ने के लिए ऑनलाइन सदस्यता अभियान चला रहा है. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्या कहा गया है कि वह राज्य के बाहर से आने वाले मजदूरों को आरजेडी के साथ जुड़े तेजस्वी यादव को ऐसा लगता है कि अगर मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार से प्रवासी मजदूर नाराज है तो इसका सीधा फायदा उनको मिल सकता है. बिहार में इसी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और यह बात सबको पता है कि आपदा को लेकर जो मौजूदा सियासत चल रही है वह आगे चुनावी रस्साकशी बन जाएगी.