‘गिड़गिड़ाते हुए हमारे पिता के पास आए थे मुख्यमंत्री.. हाथ जोड़कर माफी मांगी’ तेजस्वी ने बताया किस शर्त पर नीतीश को लिया था साथ

‘गिड़गिड़ाते हुए हमारे पिता के पास आए थे मुख्यमंत्री.. हाथ जोड़कर माफी मांगी’ तेजस्वी ने बताया किस शर्त पर नीतीश को लिया था साथ

KAIMUR: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में मंच साझा करने पहुंचे तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार हमला बोला। तेजस्वी यादव ने खुले मंच ने नीतीश कुमार के साथ आने और साथ छोड़कर जाने की कहानी बताई। तेजस्वी ने नीतीश कुमार को एक थका हुआ मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि बीजेपी से परेशान होकर नीतीश उनके माता पिता के पास गिड़गिड़ाते हुए पहुंचे थे, हम साथ लेने को तैयार नहीं थे लेकिन सिर्फ एक शर्त पर उन्हें साथ लिया था।


तेजस्वी ने कहा कि एक तरफ जहां भारत को जोड़ने का काम चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भारत को तोड़ने की कोशिश हो रही है। देश में एक तरफ नफरत की राजनीति की जा रही है तो दूसरे तरफ प्यार की बातें कही जाती हैं। देश के लोगों को तय करना है कि वे किसके साथ हैं। पूरे देश में हर वर्ग के लोग नरेंद्र मोदी के शासन में परेशान हैं। समाज में अगर कोई सबसे बड़ा दुश्मन है तो वह बेरोजगारी है। डिग्री होने के बावजूद देश में बेरोजगार लोगो की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।


तेजस्वी ने कहा कि हमने 2020 के चुनाव में बिहार के लोगों से वादा किया था कि अगर मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो हमलोग जनता की परीक्षा में पास कर गए थे लेकिन छल कपट कर इन लोगों ने हम लोगो को 122 की जगह 114 के आंकड़े पर रोकने का काम किया। बिहार में गरीबों की सरकार बन गई थी लेकिन छल कपट किया गया। हमारे विधायकों को पचास और सौ वोट से हराया गया।


उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनी और हम लोग विपक्ष में आ गए लेकिन आप लोग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जानते ही हैं, वे लालू जी के पास आए और कहा कि बीजेपी के लोग उनकी पार्टी को तोड़ना चाहते हैं। नीतीश कुमार गिड़गिड़ाते हुए आए और हमारे माता पिता से हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई, नरेंद्र मोदी हमारे दल को तोड़ रहे हैं और 2024 में बीजेपी को देश से उखाड़ फेंकने की बात कही।


तेजस्वी ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि क्योंकि हम जानते थे कि वे कभी भी पलटी मार सकते हैं लेकिन देशभर के विपक्ष के नेता चाहते थे कि नीतीश कुमार को साथ लिया जाए। देश को बचाने की शर्त पर आरजेडी और जेडीयू साथ आई थी। हमलोगों की सरकार बनी, भले ही हम सरकार में मुख्यमंत्री नहीं बने लेकिन हमारा एजेंडा था कि बिहार के 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी मिले।


तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार एक थके हुए मुख्यमंत्री थे लेकिन हमने उनसे पांच लाख सरकारी नौकरी दिलवाने का काम किया और नियुक्ति पत्र बंटवाने का काम किया। अभी और भी बहाली आने वाला है, जो हम करके दे आएं हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने फाइल को रोक दिया है। चाहे हम पक्ष में रहे या विपक्ष में मुद्दे की बात करेंगे और जनता के हित में काम करेंगे।


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ चले गए और जब हमने इसका कारण पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। नीतीश कुमार को ईडी की डर है या सीबीआई के डर से उन्होंने पाला बदल लिया ये हम नहीं जानते हैं लेकिन जो जनता के मुद्दों की बात करेगा हम उसके साथ मजबूती के साथ खड़े रहेंगे।