तेजप्रताप ने CM नीतीश पर कसा तंज, कहा- लॉकडाउन का सम्पूर्ण मजा तो 'अंतरात्मा' ही ले रहा है, खाली सोता रहता है

तेजप्रताप ने CM नीतीश पर कसा तंज, कहा-  लॉकडाउन का सम्पूर्ण मजा तो 'अंतरात्मा' ही ले रहा है, खाली सोता रहता है

PATNA :आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लाल तेजप्रताप यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार पर तंज कसा है। सीएम नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव के  कोटा मामले में लगातार हमले के बीच तेजप्रताप यादव ने अपने अनोखे अंदाज में नीतीश कुमार पर हमला बोला है। 


तेजप्रताप यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 

Lockdown का सम्पूर्ण मजा तो "अंतरात्मा" ही ले रहा है।


खाली सोता रहता है।।


आइए अब समझते हैं कि तेजप्रताप यादव आखिर इस ट्वीट के जरिए कहना क्या चाहते हैं? अंतरात्मा शब्द की इस्तेमाल तेजप्रताप यादव ने किया है जो बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस्तेमाल करते रहे हैं।  आइए आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं और बताते है कि नीतीश कुमार ने जब आरजेडी का साथ छोड़ा था तो क्या कहा था। नीतीश कुमार ने कहा था कि "मौजूदा माहौल में मेरे लिए नेतृत्व करना मुश्किल हो गया है। अंतरात्मा की आवाज़ पर कोई रास्ता नहीं निकलता देखकर ख़ुद ही नमस्कार कह दिया. अपने आप को अलग किया।"नीतीश ने यह क़दम लालू प्रसाद के बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सीबीआई की तरफ़ एफआईआऱ दर्ज किए जाने के बाद उठाया था नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने तेजस्वी से इस्तीफ़ा नहीं मांगा था, लेकिन चीज़ों पर उस पक्ष की ओर से सफ़ाई भी नहीं दी गई। 


अब आप समझ गये होंगे कि अंतरात्मा शब्द की इस्तेमाल आरजेडी के लोग नीतीश कुमार पर हमला बोलने में क्यों इस्तेमाल करते हैं। तेजस्वी यादव ने कई बार अंतरात्मा जगाने की बात नीतीश कुमार से की है।अब तेजप्रताप यादव आज कह रहे हैं कि आज लॉकडाउन के बीच आपकी अंतरात्मा सो रही है। इतना कर तेजप्रताप ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए ये कहना चाहा है कि कोटा में बच्चे फंसे हुए हैं। हजारों बच्चे गुहार लगा रहे हैं। कई राज्य अपने-अपने बच्चों को घर वापस ले आए लेकिन आपकी अंतरात्मा नहीं जागी की आप उन्हें वापस लेकर आए। दरअसल तेजस्वी यादव लगातार इस मामले में बिहार सरकार की खिंचाई कर रहे हैं। 


तेजस्वी यादव ने आज भी तेजस्वी यादव ने ट्वीट के जरिए नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनी है फिर भी सरकार बच्चों को वापस उनके घर लाने में असमर्थ दिख रही है। जबकि अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य के बच्चों को वापस लेकर आ रहे हैं। अब तक 10 राज्यों के 25 हजार छात्रों को कोटा से वापस लाया जा चुका है लेकिन बिहार सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। अगर बिहार सरकार इतनी असहाय और असमर्थ है तो हमें इजाजत दें हम बच्चों को वापस लेकर आएंगे।