Tata कंपनी के हाथ में सरकार की एयर इंडिया, 18 हजार करोड़ रुपये में डील फाइनल

Tata कंपनी के हाथ में सरकार की एयर इंडिया, 18 हजार करोड़ रुपये में डील फाइनल

DESK : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. टाटा कंपनी को एयर इंडिया की कमान मिल गई है. टाटा ग्रुप ने 18 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाकर इसे खरीद लिया है. इस दौड़ में टाटा संस के अलावा SpiceJet के अजय सिंह के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम भी शामिल था. आज इसका आधिकारिक एलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने किया. इसी के साथ अब टाटा संस के पास देश में 3 एयरलाइंस होंगी.


निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि मंत्रियों की समिति ने एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी है. टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की विजेता बोली दी. सचिव ने कहा कि टाटा की 18,000 करोड़ रुपये की सफल बोली में 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज लेना और बाकी नकद भुगतान शामिल है.


दीपम सचिव ने कहा कि सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के बदले में टाटा से 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे. उन्होंने कहा कि टाटा संस की एयर इंडिया के लिये 18,000 करोड़ रुपये की सफल बोली सरकार द्वारा तय 12,906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से अधिक है.


जानकारी हो कि इस महीने की शुरुआत में टाटा सन्स और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह दोनों ने बोली लगाई थी. पिछले महीने रिपोर्ट्स में बताया गया था टाटा ने बोली जीत ली है, हालांकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसे खारिज कर दिया था. उन्होंने तब कहा था कि अभी कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया है.


आपको बता दें कि Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. जे. आर. डी. टाटा जो खुद एक कुशल पायलट थे, उन्होंने Tata Airlines के रूप में इसे शुरू किया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब Air India को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और सरकार ने Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.