तारकिशोर प्रसाद के दावों की ऐसे खुली पोल: वार्ड पार्षदों ने नगर निगम की खराब पड़ी गाड़ियों को आरती दिखाकर फूल चढ़ाया

तारकिशोर प्रसाद के दावों की ऐसे खुली पोल: वार्ड पार्षदों ने नगर निगम की खराब पड़ी गाड़ियों को आरती दिखाकर फूल चढ़ाया

PATNA : बिहार में नगर निकायों की वीडियो कांफ्रेंसिंग कर ताबडतोड़ दावे कर रहे सूबे के डिप्टी सीएम और नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद की पोल मंगलवार को भागलपुर में खुल गयी. भागलपुर नगर निगम के एक दर्जन से ज्यादा वार्ड पार्षदों ने निगम की बदहाली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. भागलपुर नगर निगम परिसर में कई जरूरी वाहन सालों से बेकार पडे हैं. वार्ड पार्षदों ने आज उन गाडियों को अगरबत्ती दिखायी, फूल-माला चढाया औऱ गंगा जल के साथ अक्षत छींटा. पार्षदों ने कहा कि करोडों रूपये खर्च करके खरीदी गयीं गाडियों से कोई काम ही नहीं हो रहा है उनकी पूजा अर्चना ही की जाये.


डिप्टी सीएम के दावों की खुली पोल
हम आपको बता दें कि बिहार के नगर विकास मंत्री का जिम्मा डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पास है. वे नगर निगम, नगर परिषद औऱ नगर पंचायतों के साथ लगातार वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे हैं. उनकी ओऱ से ये दावा किया जा रहा है कि सारे नगर निकायों को दुरूस्त कर लिया गया है. भागलपुर में वार्ड पार्षदों ने उनकी पोल खोली है.


करोंड़ों में खरीदी गयीं गाड़ियां कभी उपयोग ही नहीं हुई
भागलपुर नगर निगम में आज पूर्व डिप्टी मेयर प्रीति शेखर औऱ पार्षद संजय सिन्हा समेत एक दर्जन पार्षदों ने नगर निगम परिसर में जंग खा रही गाडियों की पूजा की. वार्ड पार्षदों ने कहा कि तकरीबन पांच साल पहले भागलपुर को बिहार का पहला स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था. उसके बाद करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर को स्मार्ट बनाने के लिए गाड़ियां खरीदी गई थी. पांच साल बीत जाने के बाद भी आज तक इन गाड़ियों का उपयोग नहीं किया गया है. पार्षदों ने कहा कि अगर नगर निगम इसका उपयोग नहीं कर सकता तो कम से कम इसे बेच दे और उस पैसे से एंबुलेंस, शव वाहन औऱ ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे जिससे कोरोना से जूझ रहे लोगों की ही मदद हो सके.


वार्ड पार्षदों ने बताया कि नगर निगम कैम्पस में चार सालों से डिस्लिटिंग वाहन खड़ी है. इसमें जंग लग गया है. निगम के गोदाम में एक कंपेक्टर और  दो जेटिंग वाहन मरम्मत के अभाव में पड़े हैं. सारी फॉगिंग मशीनें बेकार पड़ी है. नगर निगम ने इसे खरीदने के बाद उपयोग ही नहीं किया. भागलपुर नगर निगम का शव वाहन जंग का शिकार बन कर सड़ गया है. राज्य सरकार ने सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए 96.40 करोड़ रूपये उपलब्ध कराए लेकिन सफाई संसाधनों की खरीदारी नहीं हुई. चार साल से डस्टबीन और कंटेनर की खरीद नहीं की गई है जबकि हर घर में दो (हरा औऱ नीला) डस्टबीन देना है. शहर में कूड़ा उठाने के लिए ठेला तक नहीं है. 


पार्षदों ने मोर्चा खोला तो आयुक्त एक्टिव हुए
नगर निगम के पार्षदों ने जब मोर्चा खोला तो नगर आयुक्त की नींद टूटी. नगर आय़ुक्त प्रफुल्ल चंद यादव ने वार्ड पार्षदों के साथ बैठक की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगर निगम एक्टिव होगा. जरूरी सामानों की तुरंत खरीददारी होगी. आयुक्त ने कहा कि पुराने शव वाहन की मरम्मत होगी. एक नया शव वाहन और एंबुलेंस भी खरीदा जा रहा है. जेटिंग वाहन की मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है. जलजमाव से निपटने के लिए चार पंप सेट की खरीदारी होगी. घर-घर देा-दो कूड़ेदान वितरण के लिए 70 हजार जोड़ा और 300 कूड़ेदान के साथ मोहल्ले से कूड़ा उठाव के लिए 55 ऑटो टीपर की खरीदारी होगी. कूड़ा ढोने के लिए चार हाइवा की खरीदारी होगी. सरकार से जो 96 करोड़ रूपये मिले हैं उन्हें खर्च किया जायेगा. 


ये है नगर निगम की हालत 
भागलपुर नगर निगम ने लगभग 50 फॉगिंग मशीन की खरीददारी की थी. एक साल के बाद अब मशीन से धुएं के बदले आग निकल रहा है. पार्षदों का आऱोप है कि फॉगिंग मशीन की खरीददारी में जमकर धांधली हुई है. कोरोना के काल में भागलपुर में कहीं सेनेटाइजेशन नहीं हुआ. पार्षदों के हंगामे के बाद आय़ुक्त ने कहा है कि अब हैंड मशीन से सेनेटाइजर का छिड़काव होगा.