DESK : अफगानिस्तान के तालिबानी राज में लोक गायक होना सबसे बड़ा गुनाह हो गया. तालिबानी बंदूकधारियों ने अफगानिस्तान के एक लोकगायक को घर से घसीटते हुए बाहर निकाला और बीच सड़क पर गोली मार दी. लोकगायक की वहीं मौत हो गयी. तालिबान मानता है कि इस्लामी कानून के तहत गीत-संगीत गुनाह है.
अफगानिस्तान के स्थानीय मीडिया अश्वका न्यूज ने ये खबर दी है. उसके मुताबिक तालिबान के बंदूकधारियों ने काबुल से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर बगलान कस्बे में इस घटना को अंजाम दिया. वहां अंद्राम बस्ती में लोकगायक फवाद अंद्राबी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी.
अफगानिस्तान के पूर्व गृह मंत्री मसूद अंद्राबी ने इस घटना की पुष्टि की है. उनके मुताबिक तालिबान के हथियारबंद लोग लोकगायक के घर पहुंचे औऱ उन्हें घसीटते हुए घर के बाहर ले गये. उसके बाद बीच सडक पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
ये घटना तब हुई है जब तालिबान ये दावा कर रहा है कि वह अफगानिस्तान के लोगों की सुरक्षा करेगा औऱ बिना कारण किसी के साथ कोई ज्यादती नहीं होगी. लेकिन सिर्फ लोकगायक होने के जुर्म में हत्या कर दी गयी. मारे गये लोकगायक के परिजनों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि कुछ दिन पहले भी तालिबानी उनके घर आये थे. हथियारबंद लोगों ने पूरे घर की तलाशी ली थी. उसके बाद फवाद के परिजनों के साथ बैठकर चाय पी थी. जाते जाते ये कह गये थे कि उनका कोई नुकसान नहीं किया जायेगा. लेकिन कुछ दिन बाद ही इस घटना को अंजाम दे दिया.
तालिबान पहले से ही गीत-संगीत का विरोध करता रहा है. पहले भी गायकों और कलाकारों की हत्या की घटनायें हुई हैं.