PATNA: नीतीश कुमार ने देश के विपक्षी दलों को एकजुट करने की जो मुहिम चलाई थी वह पूरी तरह से फेल हो गई है। नीतीश के बुलाने पर बिहार आए केसीआर ने वापस जाने के बाद उनके प्रस्ताव को नकार दिया। केसीआर ने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी में बदल दिया। एसडी कुमारस्वामी से भी नीतीश कुमार ने बात की थी लेकिन उन्होंने भी नीतीश के प्रस्ताव को नकार दिया और केसीआर से हाथ मिला लिया।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी लेकिन आज हालात ऐसे बन गए हैं कि अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में ऊतर चुके हैं। दोनों ही दलों के नेता एक दूसरे को बीजेपी की बी टीम बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो मुहिम शुरू की थी वे उसमें पूरी तरह से फेल हो गए हैं और यही कारण है कि वे आजकर बिहार में कैंप कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले डेढ़ महीने में दिल्ली झांकने तक नहीं गए और ना ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश ही गए। गुजरात में ट्रैवल पार्टी से गंठबंधन कर चुनाव लड़ने का दावा किया था लेकिन नीतीश का वह प्रयास भी विफल हो गया है। सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता बिहार में लगातार घटती जा रही है। बिहार के बाहर तो उनकी कोई पूछ और पहचान भी नहीं है। बिहार में हुए दो उपचुनाव में नीतीश कुमार का वोट बीजेपी की तरफ ट्रांसफऱ हो गया।
सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी भी नीतीश कुमार की उपयोगिता को समझ चुकी है। राजद को अच्छी तरह से पता चल गया है कि नीतीश कुमार में अब वोट ट्रांसफऱ करने की भी क्षमता नहीं रह गई है। नीतीश कुमार पिछड़े डेढ़ महीने से बिहार में कैंप किए हुए हैं। राहुल गांधी ने भी अपनी यात्रा में नीतीश को नहीं बुलाया। लोग नीतीश कुमार को अच्छी तरह से पहचान चुके हैं और नीतीश कभी भी नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे।