PATNA: डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पिछले दिनों पटना में आयोजित बिहार पुलिस एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान तेजस्वी ने पुलिस को जनता का मित्र बताते हुए कहा था कि बिहार के लोग पुलिस के पास अपनी समस्या लेकर जाने से डरते हैं। तेजस्वी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने एक बार फिर तेजस्वी यादव को लालू-राबड़ी के शासनकाल की याद दिलाई है।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि लालू प्रसाद ने 1990 में गद्दी संभालने के साथ ही पुलिस के मनोबल को गिराने और पुलिसकर्मियों को नीचा दिखने का खेल शुरू कर दिया था। अपराधियों ने सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री के सहयोग से पुलिस महकमे को पंगु बना दिया था। मुख्यमंत्री आवास से चलने वाले अभियान में गुंडों के द्वारा पुलिस को आर्डर दिए जाते थे और राज्य में गुंडा राज- जंगल राज की स्थापना कर दी गई थी। तेजस्वी यादव उस समय अबोध शिशु थे। पुलिस वालों की सामूहिक हत्या भी लगातार हो रही थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि कहा कि आज भी सरकार में भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की चलती है और ईमानदार पुलिस अधिकारियों को शंटिंग कर दिया गया है। सत्ताधारी दल के द्वारा अपराधियों का संरक्षण किया जा रहा है। सिपाही को सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए बैरकों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। आज राज्य में अपराधियों हौसले बुलंद हैं। पुलिस के जवान गश्ती के दौरान डरे हुए रहते हैं। महिला पेट्रोलिंग पार्टी का तो और भी बुरा हाल है। वे अपराधियों के डर से गाड़ी से नीचे उतरे से भी परहेज करती हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस भी आज भ्रष्टाचारी राज्य व्यवस्था का अभिन्न अंग बन गई है।दारू और बालू के खेल में सरकार ने पुलिस को उलझा दिया है और सत्ताधारी दलों के लिए पुलिस अवैध उगाही का साधन बन गई है। विजय सिन्हा ने कहा है कि तेजस्वी यादव से स्वास्थ्य विभाग तो संभल नहीं रहा है और वे अलग से गृह विभाग पर दावा कर रहे हैं।