सुशील मोदी ने तेजस्वी को दी चुनौती, बोले.. हिम्मत है तो तीन तलाक और हिजाब का विरोध करके दिखाए आरजेडी

सुशील मोदी ने तेजस्वी को दी चुनौती, बोले.. हिम्मत है तो तीन तलाक और हिजाब का विरोध करके दिखाए आरजेडी

PATNA : रामचरितमानस को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर लगातार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के ऊपर विरोधियों और सहयोगी दलों का हमला जारी है। इसी कड़ी में अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को रामचरितमानस विवाद के बीच बड़ी चुनौती दे डाली है। मोदी ने कहा है कि अगर हिम्मत है तो आरजेडी तीन तलाक और हिजाब का विरोध करके दिखाएं। 


भाजपा सांसद ने कहा कि , राजद रामचरितमानस की निंदा करने वालों के साथ खड़ी है। उनके पार्टी के बड़े नेता उनके साथ खड़े हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री  भी उनके ऊपर कोई कठोर निर्णय नहीं लेते हैं। ऐसे में यदि राजद में ताकत हैं तो जिस तरह वो लोग मानस को लेकर बोल रहे हैं ठीक उसी तरह कुरान और उसके विवादास्पद आयतों और मुस्लिम समाज  में प्रचलित बहु-विवाह, तीन तलाक, निकाह हलाला, हिजाब और 15 साल की रजस्वला नाबालिक बेटियों के विवाह को जायज ठहराने जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करें। 


मोदी ने राजद से सवाल करते हुए कहा कि, वह बताएं की वे लोग समान नागरिक संहिता के विरुद्ध क्यों है,जबकि बाबा साहब रचित संविधान में इस संहिता को लागू करने का मतव्य दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की वैधानिक आयु समान रखने के पक्ष में है, लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी नाबालिग मुस्लिम लड़कियों की शादी के मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दकियानूसी राय के साथ क्यों खड़ी है? 


उन्होंने कहा कि, तीन तलाक को अवैध घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजद ने चुप्पी क्यों साध ली? राजद वोट बैंक के लिए तीन तलाक का समर्थन करता है और इसी मंशा से मुस्लिम महिलाओं के लैंगिक समानता के अधिकार का विरोध करता है। राजद मुस्लिम समाज की भावनाओं के आगे घुटने टेक कर उनकी मध्यकालीन  कुरीतिओं तक का विरोध नहीं करता,जबकि राम मंदिर और हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जहर उगलने वाले जगदानंद और चंद्रशेखर का बचाव करता है। 


इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि, जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से एक समुदाय की भावनाएँ आहत हुईं, तब पार्टी ने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। अब तेजस्वी यादव बतायें कि मानस-निंदक चंद्रशेखर के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं  की गई? क्या राजद के लिए बहुसंखयक हिंदुओं की भावनाओं का कोई मोल नहीं है? यह अहंकार पार्टी पर भारी पड़ेगा।