PATNA: केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर रोक लगाये जाने के बाद लालू यादव ने RSS को भी आतंकी संगठन करार दिया था. इसके बाद भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव के साथ साथ नीतीश कुमार को भी खुली चुनौती दी है. सुशील मोदी ने कहा है कि लालू यादव और नीतीश कुमार में अगर हिम्मत है तो वे बिहार में RSS पर बैन लगा कर दिखायें. मोदी ने कहा है कि राजद औऱ जेडीयू भारत को 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग करने वाले PFI के कारनामों को छिपाना चाहते हैं. मुस्लिम वोट बैंक की उऩकी राजनीति ने बिहार को आतंकियों का अड्डा बना दिया है.
बता दें कि दिल्ली में आज लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि पीएफआई ही नहीं बल्कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिये क्योंकि आरएसएस आतंकी संगठन है. वहीं, पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को बताना चाहिये कि आखिरकार पीएफआई पर क्यों बैन लगाया गया. ललन सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की पीएफआई पर बैन लगाने का कारण क्या है.
इसके बाद सुशील मोदी ने जेडीयू और राजद दोनों पर निशाना साधा है. सुशील मोदी ने कहा है कि लालू और नीतीश वोट बैंक के लिए पीएफआइ का बचाव कर रहे हैं. दोनों में अगर हिम्मत है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि RSS पर रोक लगायें. सुशील मोदी ने कहा कि पीएफआई 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने में लगा था. ये संगठन देश के लिए भारी खतरा बन गया था लेकिन अब राजद, जेडीयू के साथ साथ कांग्रेस पीएफआइ को पोलिटिकल कवर दे रहे हैं. राजद, कांग्रेस और जदयू के नेता प्रतिबंधित पीएफआइ को पोलिटिकल कवर देने के लिए उसकी तुलना आरएसएस जैसे देशभक्त और अनुशासित संगठन से कर रहे हैं.
नीतीश नहीं सौंपना चाहते थे NIA को जांच
सुशील मोदी ने कहा है कि इसी साल 12 जुलाई को फुलवारीशरीफ में छापे से पीएफआइ के आतंकी नेटवर्क और 2047 तक भारत की धर्मनिरपेक्षता को कुचल कर इसे मुस्लिम राष्ट्र बनाने के हिंसक इरादों की जानकारी मिली थी. फुलवारी शरीफ में पीएफआई के ठिकाने पर सबसे पहले बिहार पुलिस ने ही छापेमारी की थी. लेकिन इतने गंभीर मामले की जांच नीतीश सरकार एनआइए को सौंपना नहीं चाहती थी. उसे अपना " मुस्लिम वोट बैंक" बचाना देश की सुरक्षा और धर्मनिरपेक्षता से ज्यादा जरूरी लग रहा था.
बिहार आतंकियों का अड्डा बना
सुशील मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर लालू-नीतीश सरकार के नरम रवैये के कारण बिहार में कई आतंकी मॉड्यूल पनप रहे हैं. लालू यादव औऱ नीतीश कुमार जैसे नेता आतंकी संगठन के लोगों का मजहब देख कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. तभी राजद के शिवानंद तिवारी को "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे में कोई देशद्रोह नहीं दिखता और जदयू के ललन सिंह पीएफआइ की आतंकी गतिविधियों के सबूत मांग रहे हैं. ये वही लोग हैं जो कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे.
सुशील मोदी ने कहा है कि कांग्रेस तो शुरू से ही आतंकी संगठनों को संरक्षण देती रही है. कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने भीषण दंगों के बाद दर्ज 160 प्राथमिकी वापस लेकर पीएफआइ के 1600 से ज्यादा दंगाइयों को छोड़ दिया, जिससे इस संगठन का दुस्साहस लगातार बढ़ा. आज भी कांग्रेस इस नापाक संगठन का बचाव कर रही है, जबकि पीएफआइ को सीरिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तक से आतंकी फंडिंग के सबूत मिल चुके हैं.