PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद, कांग्रेस, टीएमसी जैसी दो दर्जन पार्टियां सिर्फ परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बचाने के लिए मोर्चा बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध कर रही हैं। इनके पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है।
सुशील मोदी ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव भ्रष्टाचार-इंडिया छोड़ो, परिवारवाद-इंडिया छोड़ो और तुष्टीकरण-इंडिया छोड़ों के नारे पर लड़ा जाएगा। 1942 में ब्रिटिश पराधीनता से मुक्ति के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में "क्विट इंडिया" आंदोलन शुरू हुआ था, लेकिन आज 71 साल बाद परिवारवाद, भ्रष्टाचार और वोट बैंक (तुष्टीकरण) की राजनीति के विरुद्ध फिर इसकी जरूरत है। इस नये भारत छोडो आंदोलन का नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने गरीबों को धोखा देकर उनके वोट से वर्षों तक राज किया, लेकिन गरीबी मिटाने के बजाय अपनी सात पीढियों के लिए सम्पत्ति बटोर ली, वे सब आज प्रधानमंत्री का विरोध कर रहे हैं। क्या ऐसे गहरे भ्रष्टाचार को भारत से बाहर नहीं किया जाना चाहिए? सुशील मोदी ने कहा कि आइ.एन.डी.आइ.ए नाम के घमंडिया मोर्चे के प्रमुख दलों में परिवारवाद इतना हावी है कि पार्टी का शीर्ष पद परिवार के लिए रिजर्व है। राजद में लालू प्रसाद आजीवन अध्यक्ष रहेंगे। क्या इस प्रवृत्ति से आजादी नहीं मिलनी चाहिये?
सुशील मोदी ने कहा कि इन्हीं 24दलों की केंद्र या राज्य सरकारों की बेलगाम तुष्टीकरण नीति के चलते बिहार, पश्चिम बंगाल, असम जैसे सीमावर्ती राज्यों में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठ की समस्या देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन गई। क्या ऐसे तुष्टीकरण को भारत से भगाना जरूरी नहीं है? प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार सेवा का मौका देकर भारत की जनता इस दौर का क्विट इंडिया मूवमेंट भी सफल बनाएगी।