PATNA: बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार बिहार में जातीय जनगणना को टालने के बहाने खोज रही है। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार यह नहीं चाहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में जातीय जनगणना कराई जाए। सुशील मोदी के इस आरोप पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि जातीय जनगणना के लिए सुशील मोदी को हायतौबा मचाने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार बिहार में जातीय जनगणना जरूर कराएगी, सुशील मोदी निश्चिंत रहें।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जातीय जनगणना को लेकर हायतौबा मचा रहे सुशील मोदी इसके बारे में केंद्र सरकार से क्यों नहीं सवाल करते हैं, जिसने जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया है। भारत की सरकार ने तो जातीय जनगणना कराने से साफ मना कर दिया था। सुशील मोदी को बिहार सरकार पर सवाल उठाने से पहले केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए ताकि देश स्तर पर जातीय जनगणना हो सके। किसी कारण से अगर थोड़ा समय बढ़ गया तो इसके लिए हायतौबा मचाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना अच्छी तरह से होगी, सुशील मोदी निश्चिंत रहे उन्हें बताने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना में हो रही देरी को लेकर सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन की सरकार पर जोरदार हमला बोला था। सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार सरकार जातीय जनगणना को टालने का बहाना खोज रही है। उन्होंने कहा था कि सरकार ने जिस तरह से निकाय चुनाव को टाला ठीक उसी तरह से जातीय जनगणना को भी टालना चाह रही है। उन्होंने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार की सरकार किसी न किसी बहाने जातीय जनगणना को टालती रहेगी।