सुशील मोदी का पत्ता साफ, जीतन राम मांझी भी गायब: BJP ने राज्यसभा के लिए तय किये प्रत्याशी, भीम सिंह औऱ धर्मशीला गुप्ता बनेंगी सांसद

सुशील मोदी का पत्ता साफ, जीतन राम मांझी भी गायब:  BJP ने राज्यसभा के लिए तय किये प्रत्याशी, भीम सिंह औऱ धर्मशीला गुप्ता बनेंगी सांसद

PATNA: बिहार से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में बीजेपी ने अपने दो उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है. सुशील मोदी का पत्ता साफ हो गया है. पार्टी ने पूर्व भीम सिंह औऱ धर्मशीला गुप्ता को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. चर्चा ये थी कि बीजेपी ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को राज्यसभा भेजने का भरोसा दिलाया है, लेकिन इस सूची में मांझी का नाम नहीं है.


बता दें कि बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जिन 6 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल पूरा होने के कारण चुनाव हो रहे हैं उनमें बिहार भाजपा के दिग्गज सुशील कुमार मोदी का नाम भी शामिल है. सुशील मोदी का सांसद के तौर पर कार्यकाल समाप्त हो रहा है लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला लिया है. 


बीजेपी की ओऱ से आज उम्मीदवारों की सूची जारी की गयी है. इसमें बिहार से भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा के लिए चुनाव विधायकों की संख्या के आधार पर होता है. बिहार में भाजपा के विधायकों की संख्या को देखते हुए उसके दोनों उम्मीदवारों का राज्यसभा के लिए चुना जाना तय है.


अति पिछड़ों को जगह

बीजेपी ने राज्यसभा के लिए दों सीटों पर पिछड़ों औऱ अति पिछड़ों को तवज्जो दिया है. भीम सिंह चंद्रवंशी यानि कहार जाति से आते हैं. हालांकि उनका राजनीतिक करियर ज्यादातर नीतीश और लालू के साथ ही बीता है. लेकिन पिछले कुछ सालों से वे बीजेपी के साथ हैं. फिलहाल वे बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. भीम सिंह नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, धर्मशीला गुप्ता वैश्य समाज से आती हैं. वे भी पिछड़े तबके की है. वैश्य तबके से आने वाले सुशील मोदी के बदले पार्टी ने उनके नाम का चयन कर ये मैसेज दिया कि वह अपने कोर वोटरों की उपेक्षा नहीं कर रही है.


मांझी का भी पत्ता साफ

उधर, सियासी गलियारे में चर्चा थी कि बीजेपी ने जीतन राम मांझी को राज्यसभा भेजने का भरोसा दिलाया है. मांझी बिहार मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री मांग रहे थे लेकिन सिर्फ उनके बेटे को ही मंत्री बनाया गया. ऐसे में चर्चा हो रही थी कि मांझी को संतुष्ट करने के लिए भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजेगी. लेकिन ये अटकल गलत साबित हुई.