PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय, हवाई अड्डे, सड़क और रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा कर ढांचागत विकास में अड़ंगेबाजी कर रही है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय नहीं मिले।
उन्होंने कहा कि जब 14 साल तक नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार चला रहे थे, तब इनके मंत्रिओं को राज्य की हकमारी क्यों नहीं दिखी ? उन्होंने कहा कि अपनी विफलता छिपाने के लिए राजद-जदयू के लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग तो करते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र में मंत्री रहते यह क्यों नहीं दिला पाये?
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार किसी राज्य के साथ भेद-भाव नहीं करती। बिहार की हकमारी का तथ्यहीन आरोप राजनीतिक द्वेष के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछली यूपीए सरकार की तुलना में बिहार को 5.22 लाख करोड़ रुपये ज्यादा दिये। क्या यह हकमारी है? उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित होना पड़ा। इस पर भी वित्त मंत्री विजय चौधरी को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के समय केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी 9.665 फीसद से बढ कर 10.058 फीसद हुई। बिहार में गंगा नदी पर पांच नये पुल बन रहे हैं। फोर लेन सड़कों के निर्माण पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। क्या यह केंद्र सरकार की मदद नहीं है?