PATNA : बिहार में अब मंदिर निर्माण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। शनिवार को बिहार सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव ने सीतामढ़ी में राम मंदिर का नाम सीताराम मंदिर रखे जाने की मांग की थी। इसपर अब बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने पलटवार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सीतामढ़ी में भव्य जानकी मंदिर के निर्माण के लिए यदि नीतीश कुमार पहल करते हैं, तो भाजपा उनका सहयोग करेगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं के हैं, भाजपा या किसी राजनीतिक दल का नहीं।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोई सरकार या राजनीतिक पार्टी किसी धर्मस्थल का निर्माण नहीं कराती, लेकिन इसके लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में वैसे ही सहयोग कर सकती है, जैसा कि पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण के लिए किया। इससे वहां पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर भी सृजित हुए। उन्होंने कहा कि जो लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, वहां मस्जिद या अस्पताल बनाने का 'ज्ञान' दे रहे थे और तंज कस रहे थे कि " मंदिर वहीं बनायेंगे, पर तारीख नहीं बचायेंगे, वे आज माता सीताजी के नाम पर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।
विजेंद्र यादव के बयान पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा कि अयोध्या श्रीराम की जन्मभूमि है और वहां पहले श्रीराम का मंदिर था, यह बात जब पुरातात्विक प्रमाणों से अदालत में सिद्ध की जा चुकी है, तब बिहार सरकार के एक मंत्री उसे सीता-मंदिर नाम देने की बात कर नया विवाद क्यों पैदा करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण, नामकरण और पुनरुद्धार जैसे काम संतों-श्रद्धालुओं के हैं, भाजपा या किसी राजनीतिक दल का नहीं, लेकिन मंत्री जी इस पर राजनीति कर रहे हैं। राम, देवी सीता और रामायण संस्कृति का सम्मान करना केवल भाजपा का दायित्व नहीं है, लेकिन मंत्री के बयान से लगता है कि सीता-राम से जदयू और महागठबंधन सरकार का कोई वास्ता नहीं है।