PATNA: पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के अवसर पर आयोजित राष्ट्रपति के रात्रिभोज में नीतीश कुमार के शामिल होने और पीएम मोदी से उनकी भेंट का चुनावी राजनीति से कोई वास्ता नहीं है. भाजपा को अब नीतीश की कोई जरूरत नहीं है. ये साबित हो चुका है कि नीतीश कुमार के पास न कोई जनाधार बचा है और ना ही कोई वोट बैंक. वे किसी भी गठबंधन या पार्टी के लिए बोझ बन गये हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि जी-20 में शामिल होने आये विश्व के नेताओं के लिए आयोजित डिनर में मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था. मुख्यमंत्री होने के नाते वहां नीतीश ही नहीं बल्कि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और सुक्खू भी पहुँचे थे.उन्होंने कहा कि रात्रिभोज में नीतीश कुमार के शामिल होने का बिहार में मनमाना राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है, ताकि कांग्रेस और राजद पर दबाव बनाया जा सके. समय से पहले संसदीय चुनाव का शिगूफा भी इस हथकंड़े का हिस्सा है.
सबसे बड़ा मजाक कि बाइडन नीतीश को खोज रहे थे
सुशील मोदी ने कहा कि यह तो संघात्मक लोकतंत्र के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्था और सदाशयता थी कि सभी मुख्यमंत्रियों को रात्रिभोज में बुलाया गया और उनमें से कुछ को राष्ट्रपति बाइडन से मिलवाया गया. है आश्चर्य कि लोग इसमें भी राजनीति खोज रहे हैं. हास्यास्पद बात ये है कि जेडीयू के नेता ऐसा प्रचार कर रहे हैं कि जिसकी चर्चा मजे लेकर की जा रही है. जदयू के लोगों का यह प्रचार मजाक बन गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन बिहार के "क्लाइमेट लीडर" नीतीश कुमार को खोज रहे थे, इसलिए उन्हें उनसे मिलवाया गया.
नीतीश की नो एंट्री
सुशील मोदी ने कहा कि 2022 में हुए बिहार के तीन उपचुनावों ने साबित कर दिया कि नीतीश कुमार अपना जनाधार और वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता खो चुके हैं. वे किसी गठबंधन के लिए बोझ हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर पलटीमार राजनीति की गुंजाइश खत्म कर दी है.