PATNA: सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद परिवार परेशान है. न्याय की लड़ाई के लिए लड़ रहा है. लेकिन इस बीच परिवार को धमकी मिल रही है. परेशान सुशांत के परिवार ने 9 पन्नों का वह धमकी भरा लेटर जारी किया है. परिवार के बारे और बहनों के बारे में गंदी बातें लिखी जा रही है.
धमकी वाले पत्र में पहले गजल लिखा हुई है. उससे बाद उसके बाद अलग अंदाज में धमकी लिखी गई है. लिखा गया है कि तू इधर-उधर की ना बात कर ये बता कि काफिला क्यूं लुटा, मुझे रहजनों से गिला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है. अख़बार पर अपना नाम चमकाने की गरज से कई फर्जी दोस्त-भाई-मामा बन अपनी-अपनी हांक रहें हैं. ऐसे में बताना ज़रूरी हो गया है कि आख़िर ‘सुशांत का परिवार’ होने का मतलब क्या है? सुशांत के माता-पिता कमाकर खाने वाले लोग थे. उनके हंसते-खेलते पांच बच्चे थे. उनकी परवरिश ठीक हो इसलिए 90 के दशक में गांव से शहर आ गए.
बहनों के बारे में लिखा
आगे लिखा है कि पहली बेटी में जादू था. कोई आया और चुपके से उसे परियों के देश ले गया. दूसरी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली. तीसरे ने कानून की पढ़ाई की तो चौथे ने फैशन डिज़ाइनिंग में डिप्लोमा किया. 5वां सुशांत था. ऐसा, जिसके लिए सारी माएं मन्नत मांगती हैं. पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया. मदद करे.
परिवार फैशन परेड में जुटा
आगे लिखा है कि क्या महंगे वकील कानूनी पेचीदिगयों से न्याय की भी हत्या कर देंगे? सुशांत के लूटने मारने से तस्ली नहीं हुई तो उसकी स्मृति को भी अमपानित करना लगा है. उनकी बारात में रखवाले भी साफा बांधे शरीफ नजर आते हैं. सुशांत के परिवारों को शोक मनाने का भी समय नहीं मिल रहा है.हत्यारों को ढूंढ़ने की बजाय मृत शरीर के प्रदर्शनी लगाने में जुट जाते है. फिर फैशन परेड में जुट जाते हैं.