Patna Crime News: पटना में महिला से गैंगरेप, तीन आरोपियों को पुलिस ने दबोचा; खेत में बारी-बारी से किया था गंदा काम Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ अश्लीलता फैलाने वाले मुखिया के खिलाफ एक्शन, वीडियो वायरल होते ही SP ने जारी किया सख्त आदेश Bihar News: ऑर्केस्ट्रा गर्ल के साथ अश्लीलता फैलाने वाले मुखिया के खिलाफ एक्शन, वीडियो वायरल होते ही SP ने जारी किया सख्त आदेश अरवल में दामाद की हत्या का खुलासा, ससुर ने ही दी थी 5 लाख की सुपारी Parenting Tips: बच्चों को स्मार्टफोन देने से पहले ध्यान रखें ये जरूरी बातें, वरना पड़ सकता है पछताना बिहार के युवाओं को सिर्फ इंटरव्यू से मिलेगी नौकरी, अब नहीं देनी होगी लिखित परीक्षा, 23 अगस्त को रोजगार मेला Bihar News: बिहार में गंगा नदी पर छह लेन का एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल बनकर तैयार, 22 अगस्त को पीएम मोदी देंगे सौगात Bihar News: बिहार में गंगा नदी पर छह लेन का एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल बनकर तैयार, 22 अगस्त को पीएम मोदी देंगे सौगात Bihar News: बिहार के इन अमीनों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने दी बर्खास्त करने की चेतावनी; क्या है वजह? Bihar News: बिहार के इन अमीनों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने दी बर्खास्त करने की चेतावनी; क्या है वजह?
1st Bihar Published by: Updated Thu, 01 Dec 2022 07:07:48 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में हजारों दवा दुकानों के बंद होने का खतरा है. ये वैसी दवा दुकानें हैं जिन्होंने फर्जी फार्मासिस्ट का नाम देकर दवा बेचने का लाइसेंस ले लिया है. दरअसल फार्मासिस्ट की डिग्री वाले को दवा दुकान चलाने का लाइसेंस मिल सकता है. लेकिन बिहार में बडे पैमाने पर फर्जी फार्मासिस्टों के नाम पर लाइसेंस लेकर दवा दुकानें चलायी जा रही हैं. बुधवार को बिहार में फर्जी फार्मासिस्टों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को नागरिकों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी कि बिहार में फर्जी फार्मासिस्ट अस्पताल और मेडिकल स्टोर चला रहे हैं. सरकार को ये पता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमआर शाह और एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि बिहार राज्य सरकार और बिहार फार्मेसी काउंसिल को नागरिकों के स्वास्थ्य और जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. अगर फर्जी फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर या अस्पताल चला रहे हैं तो इसका कुप्रभाव नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ना तय है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिहार फार्मेसी काउंसिल और राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि यह सुनिश्चित करे कि अस्पताल और मेडिकल स्टोर सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ही चलायें. सुप्रीम कोर्ट ने फार्मासिस्ट मुकेश कुमार की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं.
हाईकोर्ट पर भी नाराजगी
दरअसल फर्जी फार्मासिस्टों के नाम पर दवा दुकान औऱ अस्पताल चलाने को लेकर सबसे पहले पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी लेकिन हाईकोर्ट ने इसे समाप्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने जिस तरह से इस जनहित याचिका का निस्तारण किया वह ठीक नहीं था. नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करने के मामले में हाई कोर्ट का रवैया कामचलाऊ था. उसने मामले की तह में जाने के बजाए आधे-अधूरे तरीके से इसका निपटारा कर दिया. हाई कोर्ट को बिहार फार्मेसी काउंसिल से रिपोर्ट देने को कहा चाहिये. हाईकोर्ट को ये भी रिपोर्ट मांगनी चाहिए थी कि बिहार फार्मेसी काउंसिल ने जो रिपोर्ट दी थी उस पर राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई की है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट द्वारा इस जनहित याचिका के मामले में 9 दिसंबर, 2019 को पारित आदेश को रद कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर इस मसले पर नए सिरे से फैसला करने के लिए मामले को वापस हाई कोर्ट में भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को ये भी निर्देश दिया है कि वह फर्जी फार्मासिस्टों पर राज्य सरकार और बिहार फार्मेसी काउंसि से विस्तृत रिपोर्ट मांगे.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2019 को इस जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया था. हाईकोर्ट में बिहार स्टेट फार्मेसी काउंसिल की ओर से कहा गया था कि फर्जी फार्मासिस्टों के मामले में फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाकर जांच करायी गयी है और इसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है. सिर्फ इस आश्वासन पर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका को निष्पादित करार दिया था.