PATNA : बिहार में नीतीश सरकार की कार्यशैली को लेकर खुलेआम आलोचना करने वाले एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान इन दिनों नई परेशानी का सामना कर रहे हैं. चिराग पासवान बिहार में कोरोना टेस्ट इन की रफ्तार से लेकर अन्य आवश्यक मुद्दों पर सरकार को आईना दिखाते रहते हैं लेकिन पिछले दिनों बिहार दौरे पर आए चिराग को एक नई समस्या का सामना करना पड़ा.
दरअसल चिराग पासवान अपने संसदीय क्षेत्र जमुई के दौरे पर पहुंचे तो उन्होंने कोरोना के टेस्टिंग को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में कोरोना टेस्टिंग की रफ्तार कम होने को लेकर चिराग ने चिंता जताई. आरटी पीसीआर टेस्ट बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री से बात करने को कहा लेकिन सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान को स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के बजाय उनके करीबी अधिकारी से बात करने की सलाह दे डाली. उनका कहना था कि अगर वह वाकई आरटी पीसीआर टेस्ट बढ़ाना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री की बजाय उनके एक करीबी अधिकारी से बातचीत करें. चिराग पासवान के पल्ले यह बात नहीं पड़ी कि आखिर मुख्यमंत्री से ताकतवर कोई अधिकारी कैसे हो सकता है. अगले ही दिन चिराग पासवान ने पटना से अपने पार्टी के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और उसमें भी कई तरह की समस्याएं सामने आई.
चिराग पासवान के पार्टी के नेताओं ने यहां भी मुख्यमंत्री की बजाय उनके करीबी अधिकारी से बातचीत कर रास्ता निकालने की सलाह दी. अब चिराग पासवान को समझ में नहीं आ रहा है कि वह मुख्यमंत्री से बात करें या फिर उनके करीबी अधिकारी से बात करें. फर्स्ट बिहार को जब सूत्रों के हवाले से इस बाबत जानकारी मिली तो हमें चिराग पासवान से संपर्क किया. चिराग पासवान ने अधिकारी का नाम तो नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि बिहार में ब्यूरोक्रेसी को लेकर नाराजगी है. जनता इस बात से खफा है कि अफसरशाही शासन में हावी है. राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं का भी मानना है कि बिहार में चंद अफसर सरकार को चला रहे हैं. चिराग पासवान सुपर सीएम को लेकर क्या करते हैं यह देखना काफी दिलचस्प होगा.