ब्रेकिंग न्यूज़

अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 15 Aug 2023 03:33:05 PM IST

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस

- फ़ोटो

PATNA: दुखद खबर दिल्ली से निकल कर सामने आ रही है, जहां सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। सुलभ इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में मंगलवार को झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। 


बिंदेश्वर पाठक की पहचान एक बड़े समाज सुधारक के तौर पर है। साल 1970 में उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी। स्वच्छता के क्षेत्र में उनके काम की वजह से उनकी खास पहचान थी। इसके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया था।


77वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली स्थित सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। आनन फानन में उन्हें दिल्ली एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया।


बिंदेश्वर पाठक ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी पहल से सभी शहरों में सुलभ शौचालयों का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने शौचालयों को साफ करने वाले और मैला ढोने वालों के मानवाधिकारों के लिए काफी प्रयास किया है। बिंदेश्वर पाठक के प्रयास से लाखों वंचित और गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए।