कुशवाहा के दांव का तेजस्वी पर क्या होगा असर, सुधाकर पर एक्शन मतलब जगदा बाबू..

कुशवाहा के दांव का तेजस्वी पर क्या होगा असर, सुधाकर पर एक्शन मतलब जगदा बाबू..

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर आरजेडी के विधायक के सुधाकर सिंह को लेकर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जो बड़ा सियासी दांव खेला है उसके बाद यह सवाल बिहार की राजनीति में तैर रहा है कि क्या डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कुशवाहा के बयान के बाद एक्शन मोड में आ जाएंगे? दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी का हवाला देते हुए सुधाकर सिंह के खिलाफ एक्शन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सुधाकर का बयान महागठबंधन के लिए हानिकारक है और इस मामले में आरजेडी को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। कुशवाहा ने सीधा सवाल डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से किया है। हालांकि तेजस्वी यादव ने अब तक इस मामले पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है लेकिन जानकार मान रहे हैं कि सुधाकर सिंह के खिलाफ अगर तेजस्वी कोई एक्शन लेते हैं तो यह सीधे-सीधे जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्यवाई मानी जाएगी। 


नीतीश कैबिनेट से सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद जगदानंद सिंह लंबे अरसे तक आरजेडी कार्यालय से दूर रहे थे। जगदा बाबू माने भी तो उस वक्त जब लालू यादव किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर रवाना होने जा रहे थे। 51 दिन बाद जगदानंद सिंह ने आरजेडी कार्यालय आना शुरू किया और ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि तेजस्वी यादव जगदानंद सिंह को फिर से नाराज नहीं करना चाहेंगे। लालू यादव और जगदानंद सिंह के रिश्ते भी जग जाहिर रहे हैं। ऐसे में इस बात की उम्मीद भी नहीं दिखती की अचानक से सुधाकर सिंह पर कोई एक्शन हो जाए लेकिन इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सुधाकर सिंह को बयानबाजी से परहेज रखने के लिए कहा जा सकता है। जो भी हो उपेंद्र कुशवाहा ने फिलहाल नए साल की शुरुआत में ही तेजस्वी यादव को असहज करने के लिए सुधाकर सिंह के बहाने घेराबंदी शुरू कर दी है। 


लालू यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक आरजेडी के संगठन के मामले में जगदानंद सिंह पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। तेजस्वी आज अगर सत्ता में रहते हुए डिप्टी सीएम की कुर्सी पर रहकर पार्टी को लेकर निश्चिंत हैं तो वजह केवल जगदा बाबू हैं। उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बाद लगातार जेडीयू के दूसरे नेताओं ने भी सुधाकर सिंह को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। ऐसा नहीं है कि सुधाकर सिंह के मामले में केवल जेडीयू से ही सवाल खड़े हो रहे हैं, आरजेडी के अंदर खाने से भी सुधाकर सिंह के रवैया को लेकर आपत्ति जताई जा रही है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी सुधाकर सिंह के बयान पर आपत्ति जताई है। शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आरजेडी विधायक का बयान ठीक नहीं है और इस मामले में सुधाकर सिंह को सीमा तय करनी चाहिए। उन्होंने यहां तक कह डाला है कि सुधाकर सिंह के संबंध बीजेपी के साथ नजदीकी रहे हैं। वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। शिवानंद तिवारी ने यह कहकर भी तेजस्वी यादव की परेशानी बढ़ा दी है कि ऐसे मामलों में लालू यादव और तेजस्वी यादव को फैसले के लिए अधिकृत किया जा चुका है, ऐसे में तेजस्वी को सोच समझकर फैसला करना चाहिए। सुधाकर सिंह के ऊपर एक्शन होता है या नहीं यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल इस मामले को लेकर बिहार में महागठबंधन की अंदरूनी सियासत गरमाई हुई है।