PATNA : बिहार में महागठबंधन के अंदर उठे महासंग्राम पर विराम लगाने के लिए राजद की ओर से कार्रवाई की गई है। राजद विधायक सुधाकर सिंह के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं, अब इसको लेकर भाजपा ने एक नया राग अलाप दिया है। भाजपा के तरफ से सुधाकर के ऊपर की गई कार्रवाई को लेकर राजद के मंसूबों पर सवाल खड़े किए गए हैं।
भाजपा के तरफ से इस पुरे मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मंसूबों पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा के तरफ से तेजस्वी यादव पर आरोप लगते हुए कहा गया है कि, वह जो बोलते हैं और करते हैं उसमें बड़ा फर्क होता है। वो करने को तो ए टू जेड की बात करते हैं। लेकिन, जब बात अमली जामा पहनाने तो आता है तो उनके इस बयान का हकीकत सामने आ जाता है। उनके तरफ से एक सिर्फ को सिर्फ एक जाती का ख्याल रखा जाता है। उनके लिए ए तो जेड का मतलब इतना ही होता है।
दरअसल, बिहार में जबसे राजद और जेडीयू की सरकार बानी है तबसे लेकर अबतक यह सरकार अपने किसी न किसी मंत्री को लेकर सुर्ख़ियों में रही है। सबसे पहले सरकार के गठन के बाद राजद कोटे के मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर इस सरकार को काफी फजीहत झेलनी पड़ी उसके बाद जिस तरह से सुधाकर सिंह ने सरकार पर सवाल उठा कर इसकी फजीहत करवाई यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसके बाद अब बिहार के शिक्षा मंत्री के द्वारा रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी के कारण इस गठबंधन की सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे में राजद ने सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इधर, इस नोटिस जारी के बाद इस बात की चर्चा तेज है कि राजद शिक्षा मंत्री के मामले को दबाने के लिए यह कार्रवाई की है। लेकिन, इसके बीच अब बिहार की विपक्षी दल के तरफ से बड़ा आरोप तेजस्वी के ऊपर लगाया जा रहा है। भाजपा के तरफ से कहा जा रहा है कि, राजद के तरफ से जान बूझकर सवर्णों को टारगेट किया जा रहा है। वो शिक्षा मंत्री के ऊपर कोई कड़ा एक्शन नहीं लेंगे क्योंकि वो उनकी ही बिरादरी से आते हैं। लालू और तेजस्वी सिर्फ और सिर्फ अग्ररी जाती के लोग पर एक्शन ले सकत हैं।
भाजपा के तरफ से पार्टी के प्रवक्ता रामसागर सिंह द्वारा कहा गया है कि, 'वाह तेजस्वी जी वाह' भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले, किसानों की आवाज बनने वाले सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई और सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले चंद्रशेखर को दवाई, क्या है आपकी कार्रवाई.. आप तो ए टू जेड की बात करते थे तो क्या सुधाकर सिंह सवर्ण हैं इसलिए उनपर कार्रवाई की गई और चंद्रशखर यादव हैं इसलिए उनको बचाने के लिए दवाई। कहां गया ए टू जेड का फॉर्मूला? जनता को भ्रम में रखते हैं. आप ने साबित कर दिया कि ए टू जेड नहीं एमवाई में ही विश्वास करते हैं।
आपको बताते चलें कि, आरजेडी ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को नोटिस भेजा है। पार्टी के महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने नोटिस भेजकर कड़े शब्दों में कहा कि पूर्व मंत्री ने अपने बयान से न केवल गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है, बल्कि उनके बयान से आरजेडी का एक बड़ा वर्ग आहत हुआ है। ऐसे में पार्टी क्यों नहीं उनको खिलाफ कार्रवाई करे? इसको लेकर वो 15 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण दें नहीं तो कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।