सृजन में एक्शन : घोटाले के मुख्य आरोपियों ने बनाई थी अकूत संपत्ति, जब्ती की कार्रवाई जारी है

सृजन में एक्शन : घोटाले के मुख्य आरोपियों ने बनाई थी अकूत संपत्ति, जब्ती की कार्रवाई जारी है

BHAGALAPUR : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला केस में मुख्य आरोपियों के खिलाफ एक्शन जारी है। घोटाले के मुख्य आरोपी अमित और रजनी प्रिया भले ही अब तक सीबीआई की पकड़ से बाहर हो लेकिन उनकी संपत्ति ज़ब्त करने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की चार संपत्ति शनिवार को सील की गई। सीबीआई की टीम ने शनिवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की और एक फ्लैट, एक घर और एक दुकान समेत पांच गाड़ियां जब्त कर लीं। 

शनिवार को सीबीआई और जिला प्रशासन की टीम बिना रुके कार्रवाई करती रही। गाड़ियों के अलावा मकान में कुछ नहीं मिला। जिला प्रशासन की टीम ने सीबीआई की मौजूदगी में सुबह से ही सीलिंग का काम शुरू कर दिया था और देर शाम यह जारी रहा।


मुख्य आरोपियों के भागलपुर स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी तिलकामांझी के प्राणवती लेन में खाता संख्या 204 और खसरा संख्या 2605 और 2608 की संपत्ति सील की गई। यह जमीन बरहपुरा निवासी मो. मेराज खाना से अमित कुमार ने एक दिसंबर 2009 को खरीदी थी। यह जमीन वार्ड संख्या 33 में है। दूसरी संपत्ति भी न्यू विक्रमशिला कॉलोनी तिलकामांझी में ही है। इस जमीन का खाता संख्या 421 और खसरा संख्या 2596 है। जमीन का रकबा 1620 वर्गफीट है। यह जमीन 11 मई 2012 को बनवारी साह से रजनी प्रिया ने खरीदी थी। इनमें से एक जमीन पर गैरेज बना था, जिसमें तीन चारपहिया वाहन के साथ-साथ एक बाइक और एक स्कूटी भी खड़ी मिली। 


सृजन संस्था की संस्थापक मनोरमा देवी के बेटे और बहू ने मिलकर करोड़ों का यह घोटाला किया था। अमित और प्रिया की दूसरी जमीन पर खटाल बना था। खटाल संचालक ने अपना खटाल हटा लिया था। तीसरी संपत्ति तिलकामांझी के कृष्णाधाम अपार्टमेंट के तीसरे फ्लोर पर एक फ्लैट है, जिसकी संख्या 307 है। इस फ्लैट का क्षेत्रफल 1234.46 वर्गफीट है। यह फ्लैट रजनी प्रिया के नाम से है। सेल डीड के वैल्यू के अनुसार 3476000 इसकी कीमत है। इसकी खरीद 28 अगस्त 2015 को खरीदी गई थी। चौथी संपत्ति मुख्य बाजार में सील की गई।