साइबर थाने में केस दर्ज होने पर बोले सुनील सिंह, कहा..हमारी आवाज को कोई दबा नहीं सकता काउंटिंग से पहले तेजस्वी यादव ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, महागठबंधन के तमाम नेता मौजूद श्रेयसी सिंह को जान से मारने की मिली धमकी, साइबर DSP से भाजपा प्रत्याशी ने की शिकायत Bihar Election 2025: 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी बिहार चुनाव की मतगणना, 4372 काउंटिंग टेबलों पर 5 करोड़ वोटों की गिनती Bihar Election 2025: 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी बिहार चुनाव की मतगणना, 4372 काउंटिंग टेबलों पर 5 करोड़ वोटों की गिनती दिल्ली ब्लास्ट अलर्ट के बीच बाबा बागेश्वर की पदयात्रा में घुसा संदिग्ध युवक, फर्जी पुलिस आईडी के साथ गिरफ्तार जमुई में मतगणना की तैयारियाँ पूरी: डीएम-एसपी ने की संयुक्त ब्रीफिंग, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम Bihar Politics: ‘सपने देखना अच्छी बात, लेकिन सीएम बनने का सपना न देंखे’, तेजस्वी के शपथ वाले बयान पर शांभवी चौधरी का पलटवार Bihar Politics: ‘सपने देखना अच्छी बात, लेकिन सीएम बनने का सपना न देंखे’, तेजस्वी के शपथ वाले बयान पर शांभवी चौधरी का पलटवार मतगणना के दिन बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज: अरवल और बेतिया सहित कई जिलों में 14 नवंबर को छुट्टी की घोषणा
1st Bihar Published by: Updated Sat, 27 Feb 2021 07:17:43 AM IST
- फ़ोटो
BHAGALPUR : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले से जुड़े एक और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। भागलपुर कोतवाली थाने में दर्ज एक और मामले की जांच का जिम्मा बिहार सरकार ने सीबीआई को दे दिया है। भागलपुर के कोतवाली थाना में दर्ज कांड संख्या 808/20 की जांच का जिम्मा सीबीआई को दे दिया गया है। शुक्रवार को गृह विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है।
बहुचर्चित सृजन घोटाला कांड में अब तक दो दर्जन मामले दर्ज हो चुके हैं। बिहार सरकार ने साल 2017 में सृजन घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। भागलपुर के साथ -साथ बांका और सहरसा से जुड़े सृजन घोटाले में करोड़ो की राशि का गबन किया गया था। सीबीआई को इस घोटाले से जुड़े दो दर्जन मामले पहले ही सौंप दिए गए हैं।
ताजा मामले में अब भागलपुर कोतवाली थाना कांड संख्या 808/20 भी शामिल हो गया है। सृजन संस्था द्वारा सरकारी बैंक खातों से जालसाजी करके वित्तीय लेनदेन करने का यह मामला है। आपको याद दिला दें कि साल 2006-07 में ही घोटाले की नींव पड़ी थी। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड नाम के एनजीओ के जरिए घोटाले का यह खेल 2006 में ही शुरू हो गया था। हालांकि मामले का खुलासा साल 2017 में हुआ। सृजन घोटाले का खुलासा होने के बाद नीतीश सरकार की खूब फजीहत हुई थी और विपक्ष के दबाव के बाद सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी पड़ी थी।