PATNA : राज्य में 1 अक्टूबर 2023 को 21 हजार से अधिक पदों पर सिपाही बहाली की परीक्षा हुई थी। इसका प्रश्न-पत्र परीक्षा के घंटेभर पहले वायरल होने के बाद इसे रद्द करना पड़ा था। इस मामले की जांच कर रही ईओयू की टीम को हाल में कुछ अहम सुराग मिले हैं। इसमें प्रश्न-पत्र बेचने या इस परीक्षा में चयनित कराने समेत अन्य सभी तरह के लेनदेन में हवाला का उपयोग हुआ है। सरगना से लेकर नीचे तक के तमाम लेनदेन हवाला के ही जरिये होने के साक्ष्य मिले हैं।
वहीं, मामले की जांच कर रही ईओयू की 22 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) को हवाला लेनदेन से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। फिलहाल एसआईटी इस मामले की तहत क जाकर इसमें शामिल मुख्य आरोपित की पहचान कर उसे दबोचने की कवायद में जुटी है। एसआईटी सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में परीक्षा को आयोजित करने वाली केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के वरिष्ठ अधिकारियों से भी जल्द पूछताछ कर सकती है।
वहीं, सभी संबंधित पदाधिकारियों से पूछताछ के लिए जांच दल के स्तर से तैयारी शुरू किये जाने की सूचना है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) से एसआईटी ने पेपर लीक से जुड़े कई कागजातों की मांग की है, लेकिन इसमें काफी कागजात अब तक जांच एजेंसी को नहीं मिली है। इनकी मांग फिर से की जा रही है।
उधर, अबतक इस पेपर लीक मामले में प्रश्न-पत्र वायरल करने वालों से लेकर इसे प्राप्त करने वालों तथा कई जिलों में इसे हल कराकर केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक गजट की मदद से चोरी कराने के लिए सेटिंग केंद्रों से जुड़े 212 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। परंतु अब तक इसका मुख्य सरगना पकड़ में नहीं आया है। न ही वह स्पष्ट रूप से चिह्नित हुआ है, जहां से इसका प्रश्न-पत्र लीक हुआ था। एसआईटी के स्तर से अब तक करीब 70 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। कइयों को नोटिस देकर बुलाया गया था और उनसे पूछताछ कर बयान दर्ज की जा चुका है। इस मामले में कुछ महीने पहले ईओयू ने ई-मेल आईडी और फोन नंबर जारी कर आम लोगों से भी जानकारी मांगी थी। इसमें भी कई अहम जानकारी मिली है।
ईओयू के केस टेकओवर करने से पहले तक सिपाही पेपर लीक मामले में 75 एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। ईओयू ने 31 अक्टूबर 2023 को इस मामले में अपने स्तर से एफआईआर दर्ज कर समुचित जांच शुरू कर दी। साथ ही सभी जिलों में दर्ज हुई एफआईआर को अपने पास मंगवाकर इनकी समीक्षा की। इसके तहत सारण में 11, भोजपुर-10, भागलपुर-9, नालंदा-7, नवादा-6, सहरसा-5, लखीसराय एवं पटना-4, रोहतास, मुंगेर एवं मधेपुरा- 3-3, जहानाबाद एवं जमुई- 2-2 तथा अरवल, मोतिहारी, औरंगाबाद, बेगूसराय एवं शेखपुरा-1-1 में एफआईआर दर्ज हुई थी।