PATNA : बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दूसरे सेशन में गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा किया जा रहा था इस दौरान सत्ता रूढ़ दल के विधायक ने खुद की ही सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया। जिसके बाद सदन के अंदर थोड़ी देर के लिए गहमागहमी का माहौल कायम हो गया। हालांकि, बाद में सबकुछ सामान्य हो गया।
दरअसल, कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा बिहार के नौ प्रमंडलीय जिलों में खोले गए इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में तैयारी हेतु निशुल्क गीत आवासीय कोचिंग पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति ₹1000 मासिक से बढ़कर 5000 करने का विचार करें।
इसके बाद जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि वर्तमान में स्थितियां ऐसी है कि बिहार के अंदर नो प्रमंडल के जिलों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए निशुल्क और गैर आवासीय कोचिंग की व्यवस्था करवाई सत्र 2023- 24 से शुरू की गई है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा अपने संसाधन से गैर आवासीय कोचिंग कार्यक्रम होने वाले खर्च का खुद वहन करती है। इसमें नामांकित छात्राओं को ₹1000 मासिक शुल्क के छात्रवृत्ति के रूप में भी दिया जाता है। इसमें राज्य सरकार द्वारा किसी भी तरह से कोई मदद नहीं किया जाता। इसलिए इस विशेष राशि में वृद्धि का कोई चार वर्तमान में नहीं हैं।
इसके बाद भाजपा के विधायक ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर इसके लिए योजना लाई गई है उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा इसलिए इस पर विचार किया जाए। ऐसा नहीं होता है तो हर एक क्षेत्र और हर एक व्यक्ति प्रभावित होगा। इधर, इस विवाद पर विवाद के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि माननीय सदस्य से निवेदन है कि वह अपना प्रस्ताव वापस ले और हम इस पर विचार करेंगे और जल्दी इसको लेकर कोई निर्णय लेंगे।