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1st Bihar Published by: Updated Wed, 11 Jan 2023 06:41:29 PM IST
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PATNA: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि 'रामचरितमानस' नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। मनुस्मृति और गुरु गोलवालकर का बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ भी समाज को नफरत में बांटती है। उन्होंने आगे कहा कि नफरत देश को महान नहीं बनाएगा जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत ही बनाएगा।
नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बातें कही। मनुस्मृति और गुरु गोलवालकर का बंच ऑफ थॉट्स ग्रंथ भी समाज में नफरत पैदा करता है। यही कारण है कि लोगों ने मनुस्मृति को जलाने का काम किया। मनुस्मृति में एक बड़ा तबका 85 प्रतिशत लोगों के खिलाफ अनेकों गालियां दी गयी है।
उन्होंने बताया कि रामचरितमानस का प्रतिरोध इसलिए हुआ कि 'अधम जात में विद्या पाए भयो जथा ही दूंध पिलाये' अधम का मतलब नीच होता है। नीच जाति के लोगों को शिक्षा ग्रहण का अधिकार नहीं था और उसमें कहा गया है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करके जहरीला हो जाते है। जैसा कि सांप दूध पीने के बाद होता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए कहता हूं कि इसी बात को कोट करके बाबा साहेब अंबेडकर ने दुनियां के लोगों को बताया। ये जो ग्रंथ हैं नफरत को बोने वाले ग्रंथ है। एक युग में मनुस्मृति दूसरे युग में रामचरितमानस और तीसरे युग में गुरु गोलवालकर का बंच ऑफ थॉट्स ये हमारे देश और समाज को नफरत में बांटती है। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा जब भी महान बनाएगा तो मोहब्बत ही बनाएगा।