PATNA : बिहार के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग ने बड़ी राहत दी है। विद्यार्थियों के हित में शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि 21 मार्च से लाइव (खोले गये) ओएफएसएस पोर्टल पर वैसे सभी डिग्री महाविद्यालय, जहां 11 वीं में विद्यार्थी एडमिशन लेकर पढाई कर रहे हैं। इनको भी विकल्प के तौर पर शामिल कर लिया जाये, ताकि विद्यार्थी चाहें तो कक्षा 11 वीं की वार्षिक परीक्षा में सफलता हासिल कर उसी डिग्री कॉलेज में कक्षा 12 वीं में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं। यह निर्णय शैक्षणिक सत्र 2023-25 के संदर्भ में लिया गया है।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया लाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि- जो भी स्टूडेंट पहले से ही डिग्री कॉलेजों में एडमिशन ले लिया है उनका नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा वो अपनी 12 वीं की पढाई उसी कॉलेज में कर सकते हैं। बैठक के बाद जारी आधिकारिक पत्र के मुताबिक राज्य के डिग्री कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2023-25 के लिए कक्षा 11 वीं में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट की वार्षिक परीक्षा की समाप्ति के बाद कक्षा 12 वीं में नामांकन के लिए निर्णय ओएफएसएस पोर्टल 21 मार्च से लाइव कर दिया गया। लेकिन इसमें वैसे सभी डिग्री कॉलेज जिनमें इंटर स्तरीय कक्षाओं की पढ़ाई हो रही है, को विकल्प के तौर पर शामिल नहीं किया गया था। ऐसी स्थिति में लाइव किये गये पोर्टल पर उन डिग्री कॉलेजों में नामांकित 11 वीं के छात्रों को परीक्षा पास करने के बाद उसी कॉलेज में पढ़ाई करने का विकल्प दिया गया है।
मालूम हो कि, राज्य के विभिन्न डिग्री कॉलेजों में वर्तमान में संचालित इंटर स्तरीय पढ़ाई को शैक्षणिक सत्र 2024-26 से समाप्त कर दिया गया है। इसी क्रम में शैक्षणिक सत्र 2023-25 के दरम्यान राज्य के विभिन्न कोटि के डिग्री कॉलेजों में कक्षा 11 वीं में नामांकित विद्यार्थियों का कक्षा 12 वीं में नामांकन एवं पठन-पाठन की व्यवस्था के संदर्भ में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पदाधिकारियों से विचार विमर्श करके यह निर्णय लिया गया है। इसके पहले छात्राएं भाजपा कार्यालय के बाहर भी जमा हुई,जहां उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उन्हें आश्वासन दिया। इसके बाद छात्राएं वापस लौटी।
उधर, इस पूरे मामले में बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि राज्य में विद्यार्थियों के हक में प्रभावी योजनाओं को और गति दी जायेग। ताकि स्कूलों में उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलायी जा सके।उन्होंने कहा कि विभाग का पूरा फोकस विद्यार्थी केंद्रित कार्यों को गति देने पर रहेगा। हमें हर हाल में बिहार में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना है। कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के असंतोष के बारे में शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि फैसला कैबिनेट ने सोच समझ कर लिया है। इस संदर्भ में बच्चों को स्कूल में नामांकन कराने के लिए च्वाइस दी गयी हैं। इसलिए उन्हें अपने च्वाइस के स्कूल में नामांकन लेना चाहिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए राज्य सरकार सभी तरह का सहयोग करेगी। इस दिशा में हमारी सोच साफ है कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है।