PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि बिहार सरकार को तत्काल शिक्षकों से वार्ता करनी चाहिए। वादे के मुताबिक स्थिति सामान्य होने पर वार्ता कर शिक्षकों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन सरकार ने दिया था।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग को उस पत्र की याद दिलाई है जिसमें हड़ताल समाप्ति के समय लिखित आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति होने पर शिक्षक संगठनों से वार्ता कर शिक्षकों की मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन के बाद अब राज्य में स्थिति लगभग सामान्य हो गई है। जनजीवन पूर्व की तरह ना सिर्फ सामान्य हो गए हैं बल्कि राज्य के सभी कार्यालय तथा व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खुलने लगे हैं। आवागमन भी सामान्य हो चुका है।
अभिषेक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग ने भी राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं के अभिभावकों आदि से स्कूल-कॉलेज-कोचिंग खोलने के बारे में उनकी राय मांगी है। संभव है जो आम राय बन रही हैं उससे उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही राज्य के सभी शिक्षण संस्थाएं कुछ सावधानियों एवं शर्तों के साथ खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम सभी शिक्षक भी पढ़ाई के नुकसान पर न सिर्फ चिंतित है बल्कि इसकी भरपाई करने को लेकर भी पूरी तरह से सजग व संवेदनशील हैं।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से अपील की है कि अपने लिखित आश्वासन के अनुसार अविलंब शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित करें। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे जिससे आने वाले दिनों में जब विद्यालय खुले तो बिना किसी मलाल के पूरे मनोयोग से शिक्षक अपनी दुगनी ऊर्जा, तन्मयता व उत्साह के साथ न सिर्फ पठन-पाठन करें बल्कि लाकडाउन अवधि में क्षति हुए पाठ्यक्रम की भी भरपाई करें। साथ ही साथ राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के विभिन्न योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाने में अपना पूरा सहयोग दें।
गौरतलब है कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक बिहार शिक्षा संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 17 फरवरी से तो वही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। इस बीच कोरोना वैश्विक महामारी के फैल जाने के कारण पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग के लिखित आश्वासन के बाद 4 मई को दोनों संगठनों ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया। इसके बाद से शिक्षक कोरोना से संबंधित तमाम गतिविधियों में शामिल होकर कोरोना संकट में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दे रहे हैं।