गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025 : सवालों के घेरे में RJD कैंडिडेट लल्लू मुखिया ! ललन सिंह के रोड शो में जाना और JDU प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पर युवक को दी गई तालिबानी सजा ...बेरहमी से की गई पिटाई Bihar Election 2025: बिहार में पोलिंग स्टाफ को मात्र इतने रुपए में मिलेगा मस्त भोजन; पूरी-सब्जी से लेकर सत्तू तक की व्यवस्था; देखिए.. रेट लिस्ट Bihar Election 2025: बिहार में पोलिंग स्टाफ को मात्र इतने रुपए में मिलेगा मस्त भोजन; पूरी-सब्जी से लेकर सत्तू तक की व्यवस्था; देखिए.. रेट लिस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Jul 2023 07:49:55 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में शिक्षा विभाग में सुधार को लेकर नए अपर मुख्य सचिव के के पाठक एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। आए दिन वो कोई न कोई नया फरमान जारी कर रहे हैं साथ ही साथ खुद भी स्कूलों के औचक निरिक्षण पर निकल जा रहे हैं। इस दौरान उनके तरफ से राज्यभर के कई टीचरों पर एक्शन भी लिया जा चूका है। इसके बाद अब पाठक ने राज्य सरकार के बहाल टोला सेवक या शिक्षा सेवक पर सख्ती बरती है। पाठक ने यह आदेश दिया है कि, राज्य के स्कूलों में तय परसेंटेज से कम बच्चे मिलें तो इनके वेतन में कटौती की जाएगी।
दरअसल, शिक्षा विभाग के तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें साफ़ तौर पर यह लिखा गया है कि जिस टोले से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम रहेगी, उन टोला सेवकों या शिक्षा सेवकों के मानदेय में कटौती की जाएगी। जिसके बाद शिक्षा सेवक सक्रिय हो गए हैं। टोला सेवक लगातार अब घर - घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने का संदेश दे रहे हैं।
मालूम हो कि, टोला सेवकों की नियुक्ति दलित परिवार के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी। अभिभावकों को जागरूक करते हुए बच्चों के पढ़ाने के लिए स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी टोला सेवकों को दी गई थी। इसके बदले में उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है,।
आपको बताते चलें कि, टोला सेवक पर विभागीय स्तर पर भी कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था। नियोजन के तहत वेतन तो लेते थे, लेकिन कार्य के नाम पर जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आता था।अब व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम में इन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन का निर्देश प्राप्त हुआ है। वेतन में कटौती के डर से वे लोग अब दलित परिवार के बीच जाकर बच्चों को स्कूल तक लाने के कार्य में जुट गए हैं।